यूएस की मिलिट्री टेक्नोलॉजी का एक्सेस हासिल करना चाहता है चीन: अमेरिका की वाणिज्य मंत्री का दावा

अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो (Gina Raimondo) ने कहा, “हम भारत को एक विश्वसनीय प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में देखते हैं. हम भारत के साथ अपने तकनीकी संबंधों को गहरा करना चाहते हैं.”

नई दिल्ली: 

अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो (Gina Raimondo) ने चीन पर बड़ा आरोप लगाया है. रायमोंडो ने कहा कि चीन अपनी सेना में इस्तेमाल के लिए स्पष्ट रूप से अमेरिकी मिलिट्री तकनीक तक पहुंच बनाने की फिराक में है. उन्होंने कहा, “हमें खुद को और अपने सहयोगियों, भागीदारों को ऐसा होने से बचाने की जरूरत है.” रायमोंडो 10 मार्च को भारत-अमेरिका वाणिज्यिक वार्ता और भारत-अमेरिका सीईओ फोरम की बैठक के लिए भारत दौरे पर आईं हैं.

इस दौरान उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ पीयूष गोयल से भी मुलाकात की. उनकी यात्रा को लेकर  केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में जीना रायमोंडो की चार दिवसीय यात्रा बहुत सफल रही. पीयूष गोयल और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना एम रायमोंडो ने शुक्रवार को भारत और अमेरिका ने भारत-यूएसए वाणिज्यिक वार्ता के दौरान सेमीकंडक्टर सप्लाई सीरीज और इनोवेशन साझेदारी पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.

भारत एक विश्वसनीय प्रौद्योगिकी भागीदार 
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने कहा, “हम भारत को एक विश्वसनीय प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में देखते हैं. हम भारत के साथ अपने तकनीकी संबंधों को गहरा करना चाहते हैं. वास्तव में, हमने हाल ही में भारत के साथ महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकी के लिए आईसीईटी (इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज) लॉन्च किया है. हम यहां निजी क्षेत्र में भारत के साथ और अधिक निकटता से काम करने की उम्मीद करते हैं.”

भारत की आकांक्षा अमेरिका के अनुरूप 
रायमोंडो ने कहा कि अपने उन्नत विनिर्माण का विस्तार करने की भारत की आकांक्षा पूरी तरह से अमेरिका की इच्छा और उनके सप्लाई चेन को और अधिक लचीला बनाने के लक्ष्य के अनुरूप है. इस समझौते के साथ, अमेरिका भारत को इलेक्ट्रॉनिक सप्लाई चेन में एक बड़ी भूमिका निभाने की अपनी आकांक्षाओं को प्राप्त करते देखना चाहेगा. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए समग्र इलेक्ट्रॉनिक सप्लाई चेन भी में अवसर हैं.

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