अफगानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए : संयुक्त राष्ट्र में भारत
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा काम्बोज ने बुधवार को कहा, “अफगानिस्तान के निकटवर्ती पड़ोसी व दीर्घकालिक साझेदार होने के नाते और अफगान लोगों के साथ हमारे मजबूत ऐतिहासिक व सभ्यतागत संबंधों को देखते हुए, देश में शांति और स्थिरता की वापसी सुनिश्चित करने में भारत का प्रत्यक्ष हित है…”
संयुक्त राष्ट्र:
भारत ने उम्मीद जताई है कि अफगानिस्तान का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा घोषित आतंकवादियों व संगठनों के ठिकानों, प्रशिक्षण या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा काम्बोज ने बुधवार को कहा, “अफगानिस्तान के निकटवर्ती पड़ोसी व दीर्घकालिक साझेदार होने के नाते और अफगान लोगों के साथ हमारे मजबूत ऐतिहासिक व सभ्यतागत संबंधों को देखते हुए, देश में शांति और स्थिरता की वापसी सुनिश्चित करने में भारत का प्रत्यक्ष हित है…”
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) को लेकर सुरक्षा परिषद में काम्बोज ने कहा कि अगस्त, 2021 के सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक दृष्टिकोण को व्यक्त किया गया है, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भारत की अध्यक्षता में स्वीकार किया गया था.
उन्होंने कहा, “प्रस्ताव के अनुसार, हम उम्मीद करते हैं कि अफगानिस्तान का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा घोषित आतंकवादियों व संगठनों के ठिकानों, प्रशिक्षण या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए…” उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करना भी शामिल है.
भारत ने अफगानिस्तान में सार्वजनिक जीवन से महिलाओं को हटाने की दिशा में बढ़ते प्रयासों पर भी चिंता जताई, और अफगानिस्तान के भविष्य में महिलाओं और अल्पसंख्यकों को शामिल करने और उनके अधिकारों का पूर्ण सम्मान करने का आह्वान किया. महासचिव (SRSG) के विशेष प्रतिनिधि और UNAMA के प्रमुख ने परिषद को बताया, “तालिबान के तहत अफगानिस्तान महिलाओं के अधिकारों के मामले में दुनिया में सबसे दमनकारी देश बना हुआ है…”