Russia Ukraine War: मारियुपोल के स्टील प्लांट में घमासान लड़ाई जारी, विजय दिवस से पहले शहर का अंतिम गढ़ जीतना चाहती है रूसी सेना
Battle for Mariupol Steel Plant: मारियुपोल शहर पर कब्जे से मॉस्को को क्रीमियाई प्रायद्वीप तक एक जमीनी संपर्क मिल जाएगा. रूस के विजय दिवस में अभी एक ही दिन बचा है.
Fight For Mariupol Steel Plant Continues: बंदरगाह शहर मारियुपोल में यूक्रेन के अंतिम सैनिकों को रविवार को रूसी बलों के जबरदस्त हमले का सामना करना पड़ा. रूसी बल विजय दिवस से पहले एक महत्वपूर्ण जीत हासिल करने की उम्मीद रखते हैं. इस बीच राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी अपने देश की स्थिति पर चर्चा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए G7 नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, जो मारियुपोल के अज़ोवस्टल स्टीलवर्क्स से नागरिकों की निकासी के बाद मॉस्को के घातक हमले की आंशका से परेशान हैं.
बता दें अज़ोवस्टल स्टीलवर्क्स परिसर (तबाह बंदरगाह शहर मारियुपोल में यूक्रेनी प्रतिरोध की अंतिम गढ़) ने युद्ध में एक प्रतीकात्मक मूल्य हासिल कर लिया है, सैकड़ों यूक्रेनी नागरिक और सैनिक इसमें छिपे हैं.
शनिवार को 300 से अधिक लोगों को निकाला गया
ज़ेलेंस्की ने कहा कि सैकड़ों लोगों को शनिवार को प्लांट से निकाल लिया गया. घायलों और चिकित्सकों को निकालने के दूसरे चरण की तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा, “300 से अधिक लोगों को बचाया गया – महिलाएं और बच्चे.”
नागरिक जो बच निकलने में कामयाब हुए, उन्होंने रूसी ” फिल्ट्रेशन” साइटों से गुजरने का वर्णन किया है. कई निकासी लोगों ने एएफपी को बताया कि उनसे पूछताछ की गई, कपड़े उतारे गए, फिंगरप्रिंट लिए गए, और उनके फोन और दस्तावेजों की जांच की गई.
स्टीलवर्क्स में एक यूक्रेनी लड़ाके की मौत
यूक्रेन की आज़ोव बटालियन, स्टीलवर्क्स में रक्षा का नेतृत्व कर रही है. बटालियन ने कहा कि उसके एक लड़ाके की मौत हो गई और छह घायल हो गए जब रूसी सेना ने कार से लोगों को निकालने के पहले प्रयास के दौरान गोलीबारी की. इससे पहले, कीव के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि फंसे हुए नागरिकों को भागने की अनुमति देने के लिए एक संघर्ष विराम की बात के बावजूद रूसी बलों ने साइट पर अपना हमला फिर से शुरू कर दिया है.
विजय दिवस से प्लांट पर कब्जा चाहते हैं रूसी बल
बता दें मारियुपोल शहर पर कब्जे से मॉस्को को क्रीमियाई प्रायद्वीप तक एक जमीनी संपर्क मिल जाएगा. रूसी बल सोमवार के विजय दिवस से पहले (जब रूस 1945 में नाजी जर्मनी की हार का जश्न मनाता है), राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जीत का तोहफा देना चाहते है. विजय दिवस में अभी एक ही दिन बचा है, यूक्रेनी अधिकारियों को तेज मिसाइल हमले और तोपखाने भारी बमबारी का डर है.