मारियुपोल पर अंतिम फतह की ओर रूसी सैनिक, यूक्रेन के मजबूत गढ़ पर हमला

रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के बंदरगाह शहर मारियुपोल में एक इस्पात संयंत्र पर शनिवार को हमला किया। यूक्रेनी अधिकारियों ने यह जानकारी दी। रूसी सैनिकों के इस हमले का उद्देश्य रणनीतिक महत्व के इस शहर में यूक्रेनी प्रतिरोध के अंतिम गढ़ को संभवत: ध्वस्त करना है। यूक्रेन में राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख के एक सलाहकार ओलेक्सीव एरस्तोविच ने इस हमले की जानकारी दी। उन्होंने एजोवस्तल संयंत्र में शेष यूक्रेनी सैनिकों के साथ करीब 1,000 नागरिकों के शरण लिये होने का अनुमान व्यक्त किया है।

इस बीच, रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के जोरदार जवाबी हमले के बीच पूर्व डोनबास क्षेत्र में अपने हमले तेज कर दिये हैं। एरस्तोविच ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि रूसी सेना ने समुद्र तट पर स्थित विशाल संयंत्र पर हवाई हमले फिर से शुरू कर दिये हैं। उन्होंने कहा, ”दुश्मन एजोवस्तल इलाके में मारियुपोल के रक्षकों के प्रतिरोध का पूरी तरह से दमन करने की कोशिश कर रहा है। ”

उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बताया था कि एजोवस्तल को छोड़ कर पूरे मारियुपोल को रूसियों ने मुक्त करा लिया है। हालांकि, पुतिन ने रूसी सेना को संयंत्र पर धावा नहीं बोलने का आदेश दिया था और इसके बजाय उसका बाहरी संपर्क काटने करने को कहा था। यूक्रेनी अधिकारियों का अनुमान है कि उनके करीब 2,000 सैनिक संयंत्र के अंदर हैं।एरस्तोविच ने कहा कि यूक्रेनी सैनिक रूसियों का डट कर मुकाबला कर रहे हैं।

शनिवार सुबह, यूक्रेन के नेशनल गार्ड के एजोव रेजीमेंट, जिसके सदस्य संयंत्र में छिपे हुए हैं, ने करीब दो दर्जन महिलाओं और बच्चों की वीडियो फुटेज जारी की, जिनमें से कुछ ने कहा कि वे दो महीनों से मिल की भूमिगत सुरंगों में शरण लिये हुए हैं और लंबे समय से बाहर नहीं निकले हैं। रेजिमेंट के उप कमांडर स्वीतोस्लाव पालामार ने कहा कि यह वीडियो बृहस्पतिवार को बनाया गया था, उसी दिन रूस ने शेष मारियुपोल पर विजय की घोषणा की थी।

हालांकि, वीडियो में मौजूद सामग्री की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकती है। यूक्रेन अधिकारियों के मुताबिक मारियुपोल में एक लाख से अधिक लोग फंसे हुए हैं। एजोवस्तल की फुटेज में सैनिक बच्चों को मिठाईयां देते नजर आ रहे हैं। इसमें एक बच्ची यह कहते हुए देखी जा सकती है कि उसने और उसके सगे-संबंधियों ने 27 फरवरी को घर छोड़ने के बाद से खुला आसमान या सूरज नहीं देखा है। रूसी सैनिकों की करीब दो महीनों की घेराबंदी के दौरान 20,000 से अधिक नागरिक मारियुपोल में मारे गये हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed