जासूसी गुब्बारा मामला: चीन ने ठुकराया अमेरिका के साथ फोनकॉल का प्रस्ताव
दोनों देशों के बीच पहले ही कई मुद्दों को लेकर तनाव है. गुब्बारा प्रकरण के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस सप्ताह चीन की अपनी यात्रा को रद्द कर दिया, जिसे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा था.
वाशिंगटन:
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने कहा कि अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और उनके चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंघे के बीच टेलीफोन पर बातचीत के अनुरोध को चीन ने ठुकरा दिया है. अटलांटिक महासागर में दक्षिण कैरोलिना के तट पर चीन के गुब्बारे को शनिवार को गिराए जाने के बाद यह अनुरोध किया गया था. गुब्बारा 30 जनवरी को मोंटाना में अमेरिकी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद कई दिनों तक महाद्वीपीय अमेरिका के ऊपर उड़ता रहा था.
दोनों देशों के बीच पहले ही कई मुद्दों को लेकर तनाव है. गुब्बारा प्रकरण के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस सप्ताह चीन की अपनी यात्रा को रद्द कर दिया, जिसे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा था. चीन का दावा है कि यह मौसम विज्ञान अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला गुब्बारा था, लेकिन उसने यह बताने से इनकार कर दिया कि यह किस सरकारी विभाग या कंपनी का था.
अमेरिका ने हालांकि दावा किया है कि उसके पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि यह एक जासूसी गुब्बारा था. पेंटागन के प्रवक्ता जनरल पैट राइडर ने मंगलवार को कहा, ‘‘ शनिवार को, पीआरसी के गुब्बारे को गिराने की कार्रवाई करने के तुरंत बाद रक्षा मंत्री ऑस्टिन और पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के रक्षा मंत्री वेई फेंघे के बीच फोन पर बातचीत के लिए अनुरोध किया गया.”
उन्होंने कहा, ‘‘ हम संबंधों को जिम्मेदारी से चलाने के लिए अमेरिका और पीआरसी के बीच संचार कायम रखने की जरूरत में विश्वास करते हैं. ऐसे समय में हमारी सेनाओं के बीच संचार सेवाएं बेहद महत्वपूर्ण हैं.”
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ दुर्भाग्य से चीन ने अनुरोध स्वीकार नहीं किया। संचार सेवाएं कायम करने की हमारी प्रतिबद्धता जारी रहेगी.” अमेरिका ने चीन पर अमेरिकी संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. वहीं चीन का कहना है कि उसके गुब्बारे को गिराकर अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है और आगाह किया कि वह जवाब में उचित कार्रवाई करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करेगा.