‘एक लाख सैनिकों की मौत’ से घबराए पुतिन? सेना वापस बुलाना रूस के लिए बड़ा झटका
सैनिकों की भारी छति के बाद पुतिन अपनी सेना को वापस बुला रहे हैं। पिछले आठ महीने से चल रही इस लड़ाई में यह रूस के लिए एक अन्य अपमानकारी झटका माना जाएगा।
यूक्रेन के अहम शहर से सेना को पीछे हटाना रूस के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। रूस की सेना ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन के दक्षिणी शहर खेरसॉन एवं उसके आसपास के क्षेत्रों से पीछे हट रही है। इस बीच एक अमेरिकी अधिकारी ने दावा किया है कि पुतिन की सेना के कम से कम एक लाख से ज्यादा सैनिक मारे जा चुके हैं। सैनिकों की भारी छति के बाद पुतिन अपनी सेना को वापस बुला रहे हैं। पिछले आठ महीने से चल रही इस लड़ाई में यह रूस के लिए एक अन्य अपमानकारी झटका माना जाएगा। वैसे यूक्रेन के अधिकारियों ने इस कदम की तत्काल पुष्टि नहीं की है। हाल के दिनों में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि अपनी चाल में फंसाने के लिए खेरसॉन से हटने का स्वांग रूसी रच रहे हैं। जेलेंस्की ने नागरिकों को रूसी नियंत्रण वाले ‘युद्धक्षेत्र’ में अंदर तक आने के लिए राजी करने की कोशिश को ‘नाटक’ करार दिया।
शीर्ष अमेरिकी जनरल ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के दौरान एक लाख से अधिक रूसी सैनिक मारे गए हैं और लाखों घायल हुए हैं। द इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, ज्वाइंट चीफ्स के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने कहा कि यूक्रेन के भी शायद इतने ही सैनिक मारे गए हैं। सीएनएन ने जनरल मार्क मिले के हवाले से कहा, “100,000 से अधिक रूसी सैनिक मारे गए और घायल हुए हैं।”
उन्होंने कहा कि ऐसा ही शायद यूक्रेन के साथ हुआ है। द इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यू यॉर्क में अपनी टिप्पणी में, जनरल मार्क मिले ने यूक्रेन में रूस के सैन्य आक्रमण को “एक बड़ी भूल” करार दिया। उन्होंने कहा कि इस युद्ध की भरपाई रूस “आने वाले कई वर्षों तक करेगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी में शुरू हुआ युद्ध जबरदस्त मानवीय पीड़ा का कारण बना है। जिसमें 1.5 मिलियन से 30 मिलियन शरणार्थी और लगभग 40,000 नागरिकों की मौत हुई है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, जनरल मार्क मिले ने कहा कि युद्ध को समाप्त करने का एक तरीका बातचीत हो सकता है। उन्होंने कहा कि सर्दियों के दौरान जब अग्रिम मोर्चा स्थिर हो जाएगा तो शायद बात हो सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मान लेना चाहिए कि इस युद्ध को सैन्य तरीके से नहीं जीता जा सकता। सीएनएन ने जनरल मार्क मिले के हवाले से कहा, “एक पारस्परिक मान्यता होनी चाहिए कि सैन्य तरीके से इसे नहीं जीता जा सकता, और इसलिए आपको अन्य तरीकों की ओर मुड़ने की जरूरत है।” उन्होंने कहा, “जब शांति हासिल करने के लिए बातचीत करने का अवसर मिले, तो इसे बर्बाद न करें।” यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन के बारे में बोलते हुए, मिले ने कहा कि अगर ये युद्ध नहीं रुकता है तो भी वाशिंगटन कीव को सैन्य सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।
यूक्रेन के अहम शहर से हम पीछे हट रहे हैं: रूस
रूस की सेना ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन के दक्षिणी शहर खेरसॉन एवं उसके आसपास के क्षेत्रों से पीछे हट रही है। यूक्रेन में रूसी सेना के शीर्ष कमांडर जनरल सर्गेई सुरोविकिन ने बुधवार को रक्षामंत्री सर्गेई शोइगू से कहा कि खेरसॉन तथा पश्चिमी तट के अन्य क्षेत्रों में विभिन्न सामानों की आपूर्ति करना असंभव है। इस पर शोइगू पीछे हटने और पूर्वी तट पर रक्षा पंक्ति खड़ा करने के उनके प्रस्ताव पर राजी हो गए। खेरसॉन से अपनी सेना का हटना रूस के लिए एक अन्य बड़ा झटका है। यही एकमात्र ऐसी प्रांतीय राजधानी थी जिसपर रूसी सैन्यबलों ने आठ महीने की लड़ाई के दौरान कब्जा किया था।