“यूक्रेन युद्ध हार गया रूस, तो व्लादिमिर पुतिन को देना पड़ेगा इस्तीफा…”, बोले पूर्व राजनयिक बोरिस बोन्डारेव

पिछले साल यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू होने पर सार्वजनिक रूप से इस्तीफा देने वाले बोरिस बोन्डारेव ने ‘न्यूज़वीक’ से कहा, “(व्लादिमिर) पुतिन को बदला जा सकता है… वह सुपरहीरो नहीं हैं… उनके पास कोई सुपरपॉवर नहीं हैं… वह एक मामूली डिक्टेटर हैं…”

यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को काफी नुकसान हो चुका है. पिछले साल फरवरी में जिस वक्त रूस ने अपनी सेना को यूक्रेन भेजा था, बहुत-से विशेषज्ञों का मानना था कि युद्ध से यूक्रेन को बहुत नुकसान होगा, लेकिन यूक्रेन अपने बेहद मज़बूत पड़ोसी के सामने डटा रहा, और रूस के बहुत-से सैनिक भी मार गिराए. अब हालात पलट चुके हैं, और विशेषज्ञों ने रूस को लेकर और इससे भी ज़्यादा अहम रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को लेकर भविष्यवाणियां करना शुरू कर दिया है. अब, एक पूर्व रूसी राजनयिक ने ‘न्यूज़वीक’ (Newsweek) से कहा है कि अगर पुतिन अपनी शर्तों पर युद्ध जीतने में नाकाम रहते हैं, तो आने वाले समय में वह इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

पिछले साल यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू होने पर सार्वजनिक रूप से इस्तीफा देने वाले बोरिस बोन्डारेव ने ‘न्यूज़वीक’ से कहा, “(व्लादिमिर) पुतिन को बदला जा सकता है… वह सुपरहीरो नहीं हैं… उनके पास कोई सुपरपॉवर नहीं हैं… वह एक मामूली डिक्टेटर हैं…”

बोरिस बोन्डारेव जिनेवा में रूस के डिप्लोमैटिक मिशन में आर्म्स कन्ट्रोल एक्सपर्ट की हैसियत से काम किया करते थे.

उन्होंने यह भी कहा, “अगर हम इतिहास पर नज़र दौड़ाएं, तो हम देखते हैं कि इस तरह के तानाशाहों को वक्त-वक्त पर बदल जाता रहा है… सो, आमतौर पर, अगर वह युद्ध हार जाते हैं, और वे अपने समर्थकों की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं, समर्थक साथ छोड़कर चले जाते हैं…” बोरिस बोन्डारेव एकमात्र रूसी राजनयिक थे, जिन्होंने युद्ध को लेकर सार्वजनिक रूप से इस्तीफा दिया था.

बोरिस बोन्डारेव ने कहा, “अगर रूस युद्ध हार जाता है, व्लादिमिर पुतिन अपने मुल्क को बदले में कुछ नहीं दे पाते हैं, तो लोगों में ‘निराशा और असहमति’ जन्म लेगी…”

‘न्यूज़वीक’ से बोरिस बोन्डारेव ने कहा, “उन लोगों को लग सकता है कि उन्हें अब पुतिन की ज़रूरत नहीं रही है… मुझे लगता है, जब वे भ्रम और भ्रांतियों से दूर हो जाएंगे, और खुद को नई वास्तविकता से रूबरू पाएंगे, जहां पुतिन कुछ नहीं दे सकते – अपने ही लोगों के खिलाफ सिर्फ डर और कुछ हद तक दमन के खतरे के अलावा – तो हालात बदल जाएंगे…”

इस वक्त यूक्रेन के खिलाफ युद्ध बाखमत में केंद्रित है, और रूस सर्दियों में अपने अभियान को गति दे रहा है, ताकि इस छोटे-से पूर्वी शहर पर काबिज हो सके. बाखमत इस वक्त रूस के हमले का मुख्य फोकस प्वाइंट बन चुका है, और इसके लिए कई महीने से जारी जंग में दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ है. वागनर प्राइवेट आर्मी के नेतृत्व में रूसी सेना ने शहर के पूर्वी भाग पर कब्ज़ा कर लिया है, लेकिन उसे पूरी तरह घेरने में नाकाम रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed