चीन ने ‘युद्ध अभ्‍यास’ के नाम पर की ताइवान की ‘हवाई नाकाबंदी’, मिसाइलों से लैस लड़ाकू विमान भेजे

चीन ने सोमवार को युद्ध अभ्यास के दौरान अप्रत्यक्ष तौर पर ताइवान को घेराबंदी की. इस दौरान दर्जनों लड़ाकू विमानों से ताइवान के हवाई क्षेत्र को भी बंद करने का अभ्यास किया.

बीजिंग : 

चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. इस बीच ‘युद्ध अभ्‍यास’ के नाम पर चीन ने ताइवान की ‘हवाई नाकाबंदी’ करने की कोशिश कर अपने इरादे एक बार फिर साफ कर दिए हैं. खबरों के मुताबिक, चीन ने सोमवार को युद्ध अभ्यास के दौरान अप्रत्यक्ष तौर पर ताइवान को घेराबंदी की. इस दौरान दर्जनों लड़ाकू विमानों से ताइवान के हवाई क्षेत्र को भी बंद करने का अभ्यास किया. दरअसल, चीन ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के स्पीकर केविन मैक्कार्थी और ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन के बीच इस सप्ताह हुई अहम बैठक के बाद से तिलमिलाया हुआ है.

चीन की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि गोला-बारूद ले जा रहे विमानों ने ताइवान के पास हमला करने का अभ्यास किया था. इस युद्ध अभ्यास में उसका शेडोंग विमानवाहक पोत भी शामिल हुआ. चीनी सेना के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने बताया कि गोला-बारूद ले जाने वाले दर्जनों H-6K लड़ाकू विमानों ने ताइवान पर हमला करने का अभ्यास किया था.

वैसे बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने ताइवान को ‘धमकाने’ के लिए ऐसा हड़कंडा अपना है. इससे पहले भी चीन के लड़ाकू विमान ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुस चुके हैं. ताइवान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि चीन हिंद-प्रशांत शांति और स्थिरता का लगातार गंभीर उल्लंघन कर रहा है. उन्‍होंने अन्य देशों से चीन के कार्यों के खिलाफ बोलने का आग्रह किया है.

दरअसल, ताइवान खुद को एक आजाद देश कहता है. लेकिन चीन इसे अपना हिस्‍सा मानता है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कई बार ताइवान पर कब्‍जा करने की बात चुके हैं.

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