चीन का मुसलमान कैसा होना चाहिए, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दी हिदायत
चीन के शिनजियांग प्रदेश के दौरे पर पहुंचे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह चीनी मुस्लिमों को लेकर कई बातें कही हैं। यह वही शिनजियांग है जहां उइगर मुस्लिमों की संख्या सबसे ज्यादा पाई जाती है।
चीन में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर चीन कई बार दुनियाभर में चर्चा में रहा है। हालांकि चीन ने कभी भी इस पर कोई भी सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। इसी बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बताया कि चीन का मुसलमान कैसे होना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने प्रशासन को बकायदा आदेश दिया है कि वे इस्लाम को चीन की परंपराओं और समाज के मुताबिक ढालने की कोशिश करें।
चार दिन के दौरे पर शिनजियांग पहुंचे जिनपिंग
दरअसल, चीन के शिनजियांग प्रदेश के दौरे पर पहुंचे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह चीनी मुस्लिमों को लेकर कई बातें कही हैं। यह वही शिनजियांग है जहां उइगर मुस्लिमों की संख्या सबसे ज्यादा पाई जाती है। चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिनपिंग अपने चार दिन के दौरे पर शिनजियांग पहुंचे हैं। जिनपिंग ने यहां अपने अधिकारियों से कहा है कि इस्लाम को चीन के अनुकूल बनना चाहिए और समाजवादी ढांचे को अपनाना चाहिए।
चीन के प्रति प्रतिबद्धता बढ़ाने पर जोर दिया
जिनपिंग ने चीन के लिए मजबूत सामुदायिक भावना को बढ़ावा देने समेत अलग-अलग जातीय समूहों के बीच लेन-देन, बातचीत और एकीकरण को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इस समुदाय को चीन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बढ़ानी चाहिए। इसके साथ ही उन्हें अन्य समुदाय के साथ संवाद स्थापित करने के लिए काम करना चाहिए। शी ने धार्मिक मामलों में शासन क्षमता में सुधार लाने और धर्मों के स्वस्थ विकास को साकार करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कम्युनिस्ट पार्टी के अनुकूल होना चाहिए
उन्होंने यह भी कहा कि चीनी मुस्लिमों को चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा अपनाए जा रहे समाजवादी समाज के अनुकूल होना चाहिए। यह भी कहा कि धर्म को मानने वाले लोगों की सामान्य धार्मिक जरूरतों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए और उन्हें पार्टी और सरकार के करीब एकजुट होना चाहिए।
बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस्लाम को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों के अनुरूप ढालने की कोशिश कर रहे हैं। यह भी बात कई बार सामने आ चुकी है कि चीन स्थित शिविरों में उइगर मुसलमानों को सामूहिक रूप से कैद कर यातना दी गई है। हालांकि चीन ने लगातार मुसलमानों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों को सिरे से खारिज किया है।