वेलकम 2025…बलरामपुर में करिए न्यू ईयर सेलिब्रेट:झरने, पहाड़ी और सुंदर वादियां; बड़ी संख्या में पहुंच रहे पर्यटक
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में सैलानियों की भीड़ पहुंच रही है। यहां कई दर्शनीय स्थान हैं, जिसका लुत्फ उठाने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। बलरामपुर जिला झरने, पहाड़ियों और सुंदर वादियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां नया साल मनाने के लिए भी भारी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। इस बार भी यहां नए साल का जश्न मनाने के लिए होटलों और टूरिस्ट स्पॉट पर खास तैयारियां की जा रही हैं। आइए जानते हैं बलरामपुर जिले की कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में। गौरलाटा छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा बलरामपुर जिले के सामरी पाट क्षेत्र के कुसमी विकासखंड में स्थित है। गौरलाटा पहाड़ी की चोटी करीब 1,225 मीटर ऊंची है। इस चोटी से छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर वन क्षेत्र की अद्भुत खूबसूरती नजर आती है। गौरलाटा पहाड़ी पर्वतारोहियों की पसंदीदा जगह है और ट्रैकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है। तातापानी छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में स्थित तातापानी एक मशहूर पर्यटन स्थल है। जहां लोग धरती के अंदर से निकल रहे गर्म पानी को देखने के लिए आते हैं। यहां प्राचीन शिव मंदिर भी है। यहां प्रशासन ने भगवान शिव की विशालकाय प्रतिमा की स्थापना की है। यहां 14 जनवरी को भव्य मेला भी लगता है। अंबिकापुर-रामानुजगंज नेशनल हाईवे पर जिला मुख्यालय बलरामपुर से 12 किलोमीटर दूर तातापानी स्थित है। यहां 8 से 10 प्राकृतिक जल के गर्म कुंड हैं। पवई वाटरफॉल बलरामपुर जिले में चनान नदी पर पवई वाटरफॉल लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। ऊंचाई से गिरता यह झरना नये उत्साह और उमंग से पर्यटकों के मन को मोह लेता है। यह वाटरफॉल चारों तरफ से जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है। पलटन घाट पलटन घाट कन्हर नदी के बीच प्राकृतिक रूप से निर्मित है। यहां सफेद और काले रंग के पत्थर पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। घने जंगल और नदी-पहाड़ से घिरा हुआ यह पर्यटन स्थल अपने सौंदर्य से पर्यटकों को मोहित कर लेता है। पर्यावरण के सौंदर्य को निहारने यहां साल भर पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है। 3 राज्यों की सरहदों पर है बलरामपुर छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसा बलरामपुर जिला 3 राज्यों की सरहदों को साझा करता है। यही वजह है कि यहां नए साल पर पर्यटकों के आने का सिलसिला लगातार बढ़ता रहा है।