ठगी का मकड़जाल:न जमीन न आय का साधन, एक-एक महिला पर 10-12 बैंकों का कर्ज, 350 करोड़ की ठगी
कोरबा, जांजगीर, बालोद समेत छत्तीसगढ़ के 10 जिलों में ठगों का कारोबार, 40 हजार महिलाओं को खेती-व्यापार के नाम पर फंसाया, इसकी हकीकत जानने के लिए 20 से ज्यादा गांवों में भास्कर इंवेस्टिगेशन छत्तीसगढ़ में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को बैंक से लोन दिलाने और उन पैसों को अपनी कंपनियों में इन्वेस्ट करवाने के नाम पर करीब 40 हजार महिलाओं से ठगी की गई है। कोरबा, जांजगीर, सक्ती, रायगढ़, बिलासपुर, बालोद समेत 10 जिलों की इन महिलाओं से 350 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी हुई है। इनमें कई तो ऐसी महिलाएं भी शामिल हैं, जिनके पास एक हजार फीट जमीन भी नहीं है। उनके नाम से 10-12 अलग-अलग बैकों से तीन से चार लाख रुपए तक लोन दिया गया है। दरअसल, लोन दिलाने से पहले कोरबा जिले के फ्लोरा मैक्स और बालोद के सप्तऋषि संस्थान के संचालकों ने महिलाओं को भरोसा दिलाया कि लोन की किस्त वे खुद पटाएंगे। कोरबा, जांजगीर तथा बालोद जिले में सबसे ज्यादा महिलाएं इसी तरह की ठगी की शिकार हुई हैं। महिलाओं के नाम से निकाले गए लोन को फ्लोरा मैक्स कंपनी और सप्तऋषि संस्थान में इन्वेस्ट करवाया गया। महिलाओं को सिर्फ 5 से 10 फीसदी राशि दी गई बाकी पूरा पैसा अपनी कंपनी में लगा दिया। लगभग दो साल पहले शुरू हुआ यह खेल एक साल बीतने के बाद लोगों की समझ में आने लगा। ठगों ने शुरुआती किस्त जमा भी कराई। सिबिल स्कोर बेहतर दिखाकर फिर ज्यादा राशि के लोन दिलवाए गए और इसके बाद ठगी को अंजाम दिया गया। भरोसे से फांसा – फर्जी हस्ताक्षर भी कराए गए, माइक्रोफाइनेंस बैंक वालों की संलिप्तता भी इस मामले की पड़ताल में एक बात और सामने आई कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बाद भी उन्हें एक-दो नहीं बल्कि 10-12 बैकों से लोन दिए गए हैं। महिलाओं के मुताबिक एक घंटे के भीतर उन्हें लोन मिल जाते थे। कई दस्तावेज में तो उनके पति के हस्ताक्षर ही नहीं है। फर्जी हस्ताक्षर से भी लोन पास किए गए हैं। ऐसे में माइक्रोफाइनेंस कंपनी वालों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता। केस 1 – 11 बैंकों से 4 लाख का लोन
बालोद जिले के नारागांव, किनारगोदी, खरथुली समेत 40 से ज्यादा गांव की 300 से ज्यादा महिलाओं के साथ ठगी हुई है। नारागांव की सतरूपा ने बताया कि उसके पास पांच डिसमिल भी खेत नहीं है और 11 अलग-अलग बैकों से 4 लाख रुपए का लोन दिया गया है। इसी तरह अहिल्या साहू जिनकी आय का कोई साधन नहीं है उसके नाम पर 3.24 लाख रुपए का लोन है। उषाबाई, गोपीबाई, धनवंतीन ने बताया कि गांव की सरिता करियाम ने उन्हें लोन दिलाया। सतरूपा के सात बैंकों से 4 लाख, रेखा मंडावी के सात बैंकों से 3 लाख, अहिल्या बाई के पांच बैंक से 2.50 लाख रुपए के लोन हैं। इसी तरह किनारगोदी और खरथुली गांव की 50 महिलाओं से लगभग 60 लाख रुपए की ठगी की गई है। केस 2 – दारंग गांव में 700 महिलाएं पीड़ित जांजगीर-चांपा जिले से लगे दारंग गांव की 700 से ज्यादा महिलाएं ठगी की शिकार हुई हैं। इनसे लगभग तीन करोड़ रुपए की ठगी हुई है। फ्लोरा मैक्स कंपनी ने यहां की सात महिलाओं को लीडर बनाया था। इन्हीं के माध्यम से लोन निकालकर कंपनी में इन्वेस्ट करवाया गया। एक-एक महिला के हिस्से 30 हजार से लेकर 3.25 लाख रुपए तक का लोन है। इनमें भगवती केंवट, रमशीला, भगवती बरेठ, नर्मदा, जैसी कई महिलाएं शामिल हैं। इनमें से कुछ की तो सात-सात बैंकों से अलग-अलग लोन निकाले गए हैं। इसके अलावा सिवनी, उमरेली, पौड़ी, सरगांव, देवरी, कोसमंदा गांव की महिलाओं से भी बड़े पैमाने पर ठगी हुई है। केस 3 – कुल लोन का 10% ही महिलाओं को कोरबा जिले के पचास से अधिक गांवों की महिलाओं से ठगी का मामला सामने आया है। जिले के सदकुकला, गोढ़ी, बेंदरकोना, कोरकोमा की महिलाएं कलेक्टर से शिकायत कर चुकी हैं। एक कंपनी से 40 से 50 हजार रुपए का लोन महिलाओं को दिया है। इसके साथ ही फ्लोरा मैक्स के एजेंट भी साथ रहते हैं। वे राशि लेने के बाद मात्र 10 से 25 प्रतिशत राशि महिलाओं को देकर शेष खुद रख लेते हैं। धोखाधड़ी का शिकार बनी महिलाओं को पता ही नहीं है कि उनके नाम पर कितने बैंकों से कितनी रकम निकाली गई। गरियाबंद के उरमाल गांव की 48 महिलाओं के साथ भी इसी तरह की ठगी हुई है। यह मल्टीलेवल मार्केटिंग फ्रॉड फ्लोरा मैक्स कंपनी के मुख्य आरोपी समेत टॉप टेन लीडर को गिरफ्तार किया जा चुका है। 39 गाड़ी जब्त करने के साथ 49 दुकानें सील की गई हैं। यह मल्टीलेवल मार्केटिंग का फ्रॉड है। इसमें रायगढ़, जांजगीर-चांपा और सक्ती में भी एफआईआर की गई है। जानकारी के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। चल-अचल संपत्ति की जानकारी जुटा रहे हैं। -सिद्धार्थ तिवारी, एसपी, कोरबा