रायगढ़ में अवैध कब्जा के खिलाफ ग्रामीणों ने किया चक्काजाम:2 एकड़ सरकारी जमीन पर शिक्षक ने कर रखा था कब्जा, ग्रामीणों के आंदोलन के बाद हुई कार्रवाई
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला के आमापाली में सरकारी शिक्षक ने करीब 2 एकड़ शासकीय भूमि को कब्जा कर रखा था। जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे थे, लेकिन जल्द कोई कार्रवाई नहीं होने पर आज 100 से अधिक ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया। रायगढ़-पुसौर मार्ग पर ग्रामीण बैठ गए और अपना विरोध जताने लगे। सुबह करीब 9 बजे से ग्रामीण इक्ट्ठा हुए और सरकारी जमीन पर शासकीय शिक्षक के द्वारा किए गए अवैध कब्जा को लेकर नारेबाजी करते हुए कार्रवाई की मांग करने लगे। मामले की जानकारी जब पुलिस व प्रशासनिक अमला को लगा, तो पुलिस जवान समेत पुसौर के नायब तहसीलदार व अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाईश देने लगे, लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे। ग्रामीण कब्जा हटाने की अपनी मांग पर अड़े थे। हटाया गया अवैध कब्जा
इसके बाद प्रशासनिक अमला ने कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू की। ऐसे में अवैध कब्जा के लिए किए गए बांउड्रीवाल व उसके भीतर बने निर्माण व सामानों को हटाने की कार्रवाई की गई। जेसीबी से बांउड्रीवाल तोड़ा गया। जिसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ और करीब साढ़े 4 घंटे बाद अपना आंदोलन समाप्त किया। जनदर्शन में कर चुके थे शिकायत
ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक जय प्रकाश पटेल उर्फ पन्ना गुरूजी के द्वारा किए गए अवैध कब्जा की शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में की गई थी। जिसके बाद जल्द कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में आज ग्रामीणों ने चक्काजाम कर अपना विरोध जताया। ग्रामीणों ने बताया कि जिस जमीन को कब्जा किया गया था। उसमें गांव का लोकशक्ति तालाब भी है, जिसका शिक्षक मछली पालन कर व्यवसायिक उपयोग कर रहा था। 5 सालों से कर रखा था कब्जा
आमापाली गांव के सरपंच खुशी लाल गुप्ता ने बताया कि शिक्षक जयप्रकाश पटेल द्वारा करीब 5 सालों से सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था। कई बार ग्रामीणों के द्वारा कहने के बाद भी वह कब्जा नहीं हटा रहा था। शिकायत भी गई थी, लेकिन जल्द कोई कार्रवाई नहीं होने पर आज चक्काजाम किया गया।
ग्रामीणों का आंदोलन समाप्त हुआ
पुसौर के नायब तहसीलदार पंकज मिश्रा ने बताया कि कलेक्टर जनदर्शन में किए गए शिकायत से ही यह कार्रवाई हुई है। ग्रामीणों की मांग थी कि सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाया जाए। बाउड्रीवाल व अवैध कब्जा को हटा दिया गया है और अब ग्रामीणों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है।