BSP के अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ का बनाया VIDEO:चेंजिंग रूम में कपड़े बदलते समय कर्मचारी ने की हरकत, प्रबंधन ने नौकरी से हटाया
दुर्ग जिले के भिलाई स्टील प्लांट के सेक्टर-9 अस्पताल के चेंजिंग रूम में नर्स का अश्लील वीडियो बनाने का मामला सामने आया है। बीएसपी प्रबंधन ने समय रहते आरोपी को पकड़ लिया और उसका मोबाइल जब्त कर लिया। प्रबंधन ने आरोपी को नौकरी से निकाल दिया है। खबर लिखे जाने तक पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। जानकारी के मुताबिक, बीएसपी के एक कॉन्ट्रैक्ट लेबर ने पं. जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र सेक्टर-9 में ड्यूटी के दौरान आईसीयू में बने चेंजिंग रूम के रोशनदान से कपड़े बदलते हुए एक नर्स का मोबाइल से वीडियो बना रहा था। जब युवक वीडियो बना रहा था उसी दौरान एक नर्सिंग स्टाफ ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। उनसे उसका मोबाइल छीनकर हॉस्पिटल प्रबंधन को दे दिया। प्रबंधन ने आनन-फानन में नर्स और उसके परिवार से बात की। इसके बाद नर्स को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात कही गई, लेकिन उसने बदनामी के डर से एफआईआर नहीं की है। कर्मचारी नेताओं ने जताई नाराजगी वहीं, घटना के बाद बीएसपी के कर्मचारी नेताओं ने ईडी मेडिकल डॉ. रविंद्र नाथ से फोन पर बात की और जमकर नाराजगी जताई। डॉ. रविंद्र नाथ ने तुरंत वहां की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनीता द्विवेदी की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की है। कमेटी ने मामले की जांच कर नर्सिंग स्टॉफ के परिजनों से भी बात की। साथ ही आरोपी के मोबाइल से वीडियो लेकर सुरक्षित करते हुए फोन से डिलीट किया गया। पहले भी वीडियो बनाने का आरोप, सकते में नर्सिंग स्टाफ बीएसपी के यूनियन कर्मचारियों का आरोप है कि, 28 दिसंबर को एक युवक आईसीयू के चेंजिंग रूम में संविदा नर्स और इंटर्न के कपड़े बदलते हुए वीडियो बना लिया था। उसे पकड़ लिया गया है, लेकिन कपड़े बदलते हुए वीडियो बनाने की यह पहली घटना नहीं है। आरोप है कि, युवक ने पहले भी कई नर्सों का इसी तरह का कपड़े बदलते वीडियो बनाया है। उसकी जांच होनी चाहिए और सभी वीडियो को लेकर डिलीट किया जाना चाहिए। ऐसा ना होने से हॉस्पिटल में काम करने वाली नर्सिंग स्टाफ काफी डर में हैं कि कहीं उनका वीडियो ना बना हो और वायरल ना हो जाए। परिजनों ने नहीं दर्ज कराई एफआईआर जांच के दौरान बीएसपी के अधिकारियों ने नर्सिंग स्टाफ और उनके परिजनों से कहा कि, वो इस मामले की शिकायत संबंधित पुलिस थाने में दर्ज कराएं। प्रबंधन उनका पूरा साथ देगा। काफी समझाने के बाद भी बदनामी के डर से नर्सिंग स्टाफ ने कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई है।