डेढ़ साल में बनने वाला खेल परिसर 6 साल बाद भी नहीं बन पाया पूरा
भास्कर न्यूज | कांकेर करोड़ों की लागत से मिनी स्टेडियम का कायाकल्प कर खेल परिसर के रूप में विकसित किया जाना था। इस काम के लिए वर्ष 2018 में 4 करोड़ 38 लाख रुपए की स्वीकृति मिली थी। काम डेढ़ साल में पूरा होना था, लेकिन 6 साल बीत चुके हैं खेल परिसर का निर्माण कार्य अधूरा ही पड़ा है। वर्तमान में तो लंबे समय से निर्माण कार्य बंद पड़ा है। अधूरा बना खेल परिसर खेलकूद के काम नहीं आ पा रहा है, बल्कि यह दिन में प्रदर्शन का केंद्र तो रात में असामाजिक तत्वों के लिए नशाखोरी का अड्डा बना गया है। शहर के 5 एकड़ में निर्मित मिनी स्टेडियम को 4 करोड़ 38 लाख की लागत से जिला खेल परिसर मैदान के रूप में विकसित करने योजना बनी थी। यहां एथलेटिक्स, हॉकी, फुटबॉल, खो-खो, कबड्डी, वॉलीबॉल आदि के लिए मैदान के अलावा दर्शकों के लिए गैलरी, चेंजिंग रूम, बाथरूम बनना था। साथ ही इंडोर खेल बैडमिंटन, टेबल टेनिस आदि के लिए मल्टीपर्पस हॉल बनना था। अधूरे पड़े खेल परिसर का उपयोग वर्तमान में मेला के लिए होगा। इसके अलावा खाली पड़े स्टेडियम का उपयोग कर्मचारी संगठन धरना प्रदर्शन के लिए दिन के समय करते हैं। रात के दौरान मैदान असमाजिक तत्वों के नशाखोरी का अड्डा बन जाता है। असामाजिक तत्वों ने यहां हुए निर्माण को काफी नुकसान भी पहुंचाया है। रेलिंग उखाड़कर चोरी की जा रही है। दरवाजे तक उखाड़ दिए गए हैं। लाइटों को तोड़फोड़ दिया गया है। बाथरूम का तो दरवाजा तोड़कर अंदर गंदगी कर दी गई है। अभी भी निर्माण का 20 प्रतिशत काम नहीं हुआ वर्तमान में मैदान व मल्टीपर्पस हॉल दोनों का निर्माण काम अधूरा पड़ा है। जितना पैसा स्टेडियम बनाने मिला था, पूरा खर्च हो चुका है। अभी भी निर्माण का 20 प्रतिशत काम शेष है। फिर से रिवाइज प्लान के तहत सवा 2 करोड़ की मांग शासन से की जा रही है, लेकिन राशि स्वीकृत नहीं हो पा रही है। वर्तमान में बाउंड्रीवाल के साथ मैदान को विकसित करने के साथ अधूरे पड़े मल्टीपर्पस हाल का निर्माण होना है। निर्माण कार्य के लिए राशि नहीं मिलने से 2021 से निर्माण काम ही बंद पड़ा है।