अंचल में 10 साल से जन सेवा कर रही है समिति
भास्कर न्यूज | राजनांदगांव बर्फानी धाम मां पाताल भैरवी मंदिर सेवाश्रम समिति के अध्यक्ष राजेश मारू और कमलेश सिमनकर ने नव वर्ष आदिवासियों के साथ मनाया। साल के पहले दिन 1 जनवरी को नक्सल प्रभावित अतिसंवेदनशील क्षेत्र कटेमा के बच्चों को गर्म कपड़े, टोपी, चॉकलेट, बिस्किट वितरण किया। साथ ही बुजुर्ग महिलाओं को साड़ियां एवं पुरुषों को कंबल का वितरण किया। विगत 10 वर्षों से सेवाभावी संस्था मां पाताल भैरवी मंदिर सेवाश्रम समिति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सेवा कार्य कर रही है। वहां पहुंच कर लोगों को जरूरत का सामान उपलब्ध कराते आ रहे हैं। इस वर्ष भी ठंड के समय वनांचल के 12 गांवों में पहुंच कर वहां के लोगों को ठंड से बचने गर्म कपड़ों का वितरण किया गया। महिलाओं को साड़ियां, बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों को कंबल बांटते आ रहे हैं। आयोजन में बच्चों के गर्म कपड़े, टोपी, कंबल संस्कारधानी नगरी के सेवाभावी दिनेश पटेल, नीलम जैन, संतोष खंडेलवाल और राजेंद्र परमार का सहयोग मिला। जिले के लछना ग्राम पंचायत का आश्रित ग्राम कटेमा पहुंच विहीन गांव है। लछना से कटेमा तक 17 किमी में प्रधानमंत्री सड़क निर्माण के बोर्ड तो लगे है, लेकिन सड़कों का निर्माण नहीं हुआ है। कई सड़कों का निर्माण गुणवत्ताहीन होने के कारण पूरी सड़कें उखड़ गई है। कटेमा छत्तीसगढ़ प्रदेश की सीमा का अंतिम गांव है खैरागढ़ जिले का गांव कटेमा प्रदेश की सीमा का अंतिम गांव है। इस गांव से महज एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा लगती है। तीन प्रदेशों को जोड़ने वाले इस गांव में 25 परिवार के 152 लोगों निवासरत है, आज भी यह गांव विकास की बांट जोह रहा है। इस गांव में बिजली नहीं है। सोलर प्लेट तो लगे है लेकिन शासन-प्रशासन की सुस्ती के चलते वह खराब एवं बंद हालत में पड़े हैं। पानी की टंकी तो लगा दी गई लेकिन पानी नहीं है। इस गांव तक शासन की योजनाएं भी नहीं पहुंच पाती है।