दो साल में सबसे बड़ा हमला 2025 का पहला:नक्सलियों के आईईडी विस्फोट में 8 जवान शहीद ड्राइवर की भी मौत, 400 मीटर बिखरे गाड़ी के हिस्से
15 दिन से बड़े नक्सली लीडर हमले की रच रहे थे साजिश बीजापुर जिले में सोमवार को बड़ा नक्सली हमला हुआ। उसूर ब्लॉक के कुटरू के पास अंबेली गांव में नक्सलियों ने जवानों को लेकर जा रही गाड़ी को विस्फोट कर उड़ा दिया। इसमें दंतेवाड़ा डीआरजी के 8 जवान शहीद हो गए। वहीं, ड्राइवर तुलेश्वर राना की भी मौत हुई है। पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि बीजापुर से जॉइंट पार्टी ऑपरेशन से लौट रही थी। अंबेली गांव के पास दोपहर करीब सवा 2 बजे नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट कर दिया। यह बीते दो साल में राज्य में सुरक्षा बलों पर नक्सलियों का सबसे बड़ा और 2025 का पहला हमला है। विस्फोट इतना भीषण था कि सड़क पर 10 से 12 फीट का गड्ढा हो गया। जिस गाड़ी में जवान सवार थे, उसके परखच्चे उड़ गए और उसके हिस्से 400 मीटर के दायरे में बिखर गए। कुछ हिस्से 30 फीट ऊंचे पेड़ पर जा लटके। जवानों के शव भी क्षति-विक्षत हो गए। बता दें कि दिसंबर में पुलिस ने संयुक्त रूप से अबूझमाड़ में 2 बड़े ऑपरेशन लॉन्च किए थे, जिनमें जवानों को सफलता भी मिली। इसके बाद 3 जनवरी को फिर से बड़ा ऑपरेशन लॉन्च करते हुए 1 हजार से ज्यादा जवानों को शामिल किया गया। इस ऑपरेशन में भी जवानों को कामयाबी मिली। दरअसल, अबूझमाड़ में पहली बार चलाए गए ऑपरेशन में 36 और दूसरे ऑपरेशन में 7 नक्सलियों को मार गिराया गया था। इसके बाद नक्सली भी बैकफुट पर आ गए। नक्सलियों के बड़े नेताओं के मारे जाने के बाद बड़े नक्सली अबूझमाड़ पहुंचकर 15 दिनों से वारदात की साजिश रच रहे थे। भास्कर ग्राउंड रिपोर्ट – 40-50 किलो विस्फोटक लगाया कुटरू से प्रदीप गौतम 3 जनवरी को अबूझमाड़ में ऑपरेशन पर निकले जवानों को 5 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता मिली थी। हालांकि तब डीआरजी का एक जवान भी शहीद हो गया था। ऑपरेशन के बाद सोमवार को जवानों का दल बेदरे, कुटरू के रास्ते दंतेवाड़ा लौट रहा था। जवान बेदरे तक पैदल नदी-नाले पार करते हुए पहुंचे थे। यहां से वे गाड़ियों में सवार होकर दंतेवाड़ा लौट रहे थे। इसी बीच नक्सलियों ने इस वारदात को अंजाम दिया। नक्सलियों ने जवानों की गाड़ी को निशाना बनाने के लिए करीब 40 से 50 किलो विस्फोटक का उपयेाग किया था। बताया जाता है कि नक्सलियों ने सड़क पर पहले से आईईडी प्लांट कर रखा था। जिस सड़क पर नक्सलियों ने विस्फोट किया, वह सिंगल रोड है। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि गाड़ी के कल-पुर्जे 400 मीटर दूर तक बिखर गए। गाड़ी का इंजन भी छिटककर दूर जा गिरा। मौके पर दृश्य दहला देने वाला था। विस्फोट में उड़कर जवानों के शरीर के अंग इधर-उधर बिखर गए। यहां तक कि उनके कपड़े भी पेड़ों पर लटके मिले। मौके से 100 मीटर दूर तैनात थी आरओपी
नक्सलियों ने जिस जगह पर विस्फोट किया, वहां से सड़क के दाहिनी तरफ मौके से 100 मीटर दूर तक रोड ओपनिंग पार्टी (आरओपी) लगी हुई थी। विस्फोट के बाद मौके पर नक्सली पहुंचे ही नहीं, जबकि आरओपी में तैनात जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया था। इसके चलते शहीद जवानों के हथियार नक्सलियों के हाथ नहीं लग सके। पिता को पता नहीं था कि बेटा पुलिस गाड़ी चला रहा
इस ब्लास्ट में ड्राइवर तुलेश्वर राना (25) की भी मौत हो गई है। पिता को इस बात की भी जानकारी नही थी कि उसका बेटा पुलिस विभाग में वाहन चलाने का काम कर रहा था। उसने सुबह मां से बात की थी। बाद में अपनी एक फोटो भी स्टेटस में शेयर की। नक्सलवाद खत्म करेंगे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक बस्तर व छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद के खात्मे का टारगेट रखा है। उन्होंने कहा कि इसे किसी भी हाल में हासिल करेंगे। इसी कारण 2024 में बड़े पैमाने पर लॉन्च किए ऑपरेशन्स में जवानों को सफलता भी मिली। इससे नक्सलियों का आधार खिसकने लगा। सीएम विष्णुदेव साय ने हमले की कड़ी निंदा की है। नक्सल उन्मूलन अभियान से नक्सली हताश हैं। वे विचलित होकर ऐसी निंदनीय और कायराना हरकतों को अंजाम दे रहे हैं। जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। नक्सलवाद के खात्मे के लिए हमारी यह लड़ाई मजबूती से जारी रहेगी।