पत्रकार मुकेश की हत्या का मास्टर माइंड सुरेश चंद्राकर गिरफ्तार:SIT की टीम ने हैदराबाद से पकड़ा, पूछताछ जारी; बीजापुर लाने की तैयारी

छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को SIT की टीम ने देर रात हैदराबाद से पकड़ा है। उससे पूछताछ कर रही है। जल्द ही उसे बीजापुर लाया जाएगा। इससे पहले बीजापुर में जिस जगह मुकेश की हत्या की गई वह ठेकेदार सुरेश चंद्राकर का बैडमिंटन कोर्ट परिसर है। चट्टान पारा में बस्ती के बीच बने 10-12 कमरों में से एक में मुकेश को बेरहमी से मार डाला गया। फिर कमरे से शव को घसीटकर 10 फीट दूर स्थित सेप्टिक टैंक में डाल दिए। फिर उस पर 4 से 5 इंच का मोटा स्लैब डाला गया। मर्डर के बाद हत्यारों ने कमरे में मौजूद साक्ष्य को मिटाने की कोशिश की। मर्डर से पहले जिस डिस्पोजल प्लेट में मुकेश को खाना खिलाया गया उसे बाथरूम के पीछे जला दिया गया। पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है। यहां 24 घंटे जवानों का पहरा है। दैनिक भास्कर की टीम क्राइम लोकेशन पहुंची तो इसका खुलासा हुआ। ये इलाका मुकेश के घर से करीब 2 किलोमीटर है। घर से 3 किमी दूरी पर हुई हत्या सुरेश बैडमिंटन कोर्ट परिसर में मौजूद कमरों को स्टोर रूम बनाकर रखा था। आस-पास सैकड़ों घर भी हैं। जब भास्कर की टीम ने इलाके में रहने वाले लोगों से बातचीत करने की कोशिश की तो लोगों ने कैमरे के सामने बात करने से मना कर दिया। तीनों हत्यारे भाइयों का अय्याशी का था अड्डा इसकी वजह सुरेश और उसके गुर्गों का डर था। इलाके के लोग भी इस हत्याकांड से सहमे हुए हैं। हालांकि, ऑफ कैमरा लोगों ने बताया कि ये सिर्फ नाम का बैडमिंटन कोर्ट था। यहां तीनों भाई अय्याशी और शराब किया करते थे। अंदर बाड़े में किसी को घुसने नहीं दिया जाता था। यहां वही जाता था जिन्हें सुरेश, दिनेश या फिर रितेश लेकर आते थे। ऑर्डर कर मंगाया गया था खाना रितेश ने मुकेश को यहीं पर डिनर के लिए बुलाया था। रिपोर्टिंग के दौरान हमें यहां टैंक के बगल स्थित बाथरूम के पीछे एल्युमिनियम बटर फॉयल डिस्पोजल पैकेट, दोना, कागज थाली समेत अन्य सामान के जले हुए अवशेष मिले। इन अवशेषों को देख ऐसा लग रहा मानो खाना बाहर से ऑर्डर कर मंगवाया गया हो। ये साक्ष्य थे जिन्हें जलाकर मिटाने की कोशिश की गई थी। कुछ जले कुछ आधे जले हुए हैं। SP बोले- हां सबूत मिटाए थे SP जितेंद्र यादव ने भी दैनिक भास्कर से इस बात की पुष्टि की है कि हत्यारों ने साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया था। उनपर हुई FIR में साक्ष्य मिटाने पर BNS की धारा 238 भी लगाई गई है। झाड़ियों में शराब की बोतलें, अन्य सामान भी जब यहां जले हुए अवशेष मिले तो हमने इस परिसर में और भी जगह देखी। जब गेट के बाहर निकल रहे थे तो हमारी नजर एक कमरे के बगल में स्थित झाड़ियों पर पड़ी। यहां हमें ढेरों शराब की बोतलें मिली। जिस तरह से इलाके के लोगों ने बताया था कि ये तीनों भाइयों का अय्याशी का अड्डा था यो यहां शराब की बोतलें मिलना भी इसका प्रमाण है। गेट के सामने सड़क और निर्माणाधीन घर, बगल और पीछे भी घर जिस जगह पत्रकार मुकेश की हत्या हुई उसके ठीक सामने सड़क है। हत्या 1 जनवरी की रात करीब 7 से 9 के बीच हुई। इस वक्त सड़क से लोगों की लगातार आवाजाही हो रही थी। बाहर चहल-पहल थी। गेट के ठीक सामने एक निर्माणाधीन मकान है इसलिए किसी की नजर नहीं पड़ी। कमरे के पीछे और बगल में भी घर हैं। उस इलाके के कुछ लोगों का कहना है कि रात में उन्होंने दबी-दबी शोरगुल की आवाज सुनी थी। लेकिन, जब 3 तारीख को शव निकाला गया तो पता चला हत्या हुई है।

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