छात्रा की आत्महत्या:जिस वार्डन को विभाग ने हटाने की बात कही वह हॉस्टल में मिली
प्रयास आवासीय विद्यालय की तीसरी मंजिल की छत से कूदकर छात्रा के आत्महत्या मामले में बुधवार को फिर नया मोड़ आ गया। परिजन जब छात्रा का सामान लेने प्रयास विद्यालय पहुंचे तो उन्हें वहां चौकाने वाला नजारा दिखा। जिस वार्डन की लापरवाही से छात्रा की जान गई वह वहां मौजूद थी जबकि विभाग ने वार्डन को लापरवाह मानते उसे वहां से हटाने की बात कही थी। दूसरी ओर विद्यालय में वह छात्रा गायब मिली जिसे मृत छात्रा ने सुसाइड नोट में मास्टर माइंड बताया है। परिजनों ने आरोप लगाया मास्टर माइंड छात्रा को पुलिस बचाने में जुटी हुई है क्योंकि वह पुलिस वाले की ही बेटी है। परिजन का यह भी आरोप है कि विभाग द्वारा हटाने के बाद भी वार्डन के वहां मौजूद होने से स्पष्ट है पूरे मामले में लीपापोती की जा रही है। अन्य दोषियों को बचाने षड़यंत्र किया जा रहा है। परिजन ने मामले की न्यायिक जांच कराने मांग की है। बुधवार 25 दिसंबर को छात्रा करिश्मा ठलाल के पिता, माता व अन्य परिजन सामान लेने कांकेर पहुंचे। पिता सुरेश ठलाल ने कहा, जब वे स्कूल पहुंचे तो वहां वार्डन दिव्या मधुकर मौजूद थीं। उसे विद्यालय से हटाया ही नहीं गया है। वार्डन अपने कार्यालय में थी। बच्चों से जानकारी लेने पर पता चला हादसे के बाद से वह विद्यालय में ही है। बुधवार को पुलिस ने बयान लेने बुलाया तो हम लोगों ने सुसाइड नोट में जिस ग्रुप व उसकी मास्टर माइंड छात्रा का नाम आया उस पर कार्रवाई की मांग की लेकिन पुलिस ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। पिता ने कहा इस मामले में मास्टर माइंड छात्रा की भूमिका संदेहास्पद है। जिस दिन घटना हुई उसके दूसरे दिन ही वह स्कूल से चली गई। उसे लेने उसके पिता आए थे जिसने कहा था मैं पुलिस वाला हूं। घटना के तीन दिन बाद परीक्षा होने के बावजूद वह अब तक नहीं लौटी। मृत छात्रा के पिता का आरोप है मास्टरमाइंड छात्रा के पिता पुलिस में है जिसकी वजह से पुलिस उसे बचाने में जुटी हुई है। छात्रा की भूमिका संदेहास्पद है क्योंकि घटना के बाद आरोपी छात्राएं बेहोश हो रही थीं और उनकी तबीयत बिगड़ रही थी। निष्पक्ष न्यायिक जांच होनी चाहिए।