ट्रेन के चक्के से उठा इतना धुंआ कि मचा हड़कंप:पेंड्रा रोड में रेलवे ट्रैक के ऊपर पत्थर रख ट्रेन डिरेल की कोशिश

छत्तीसगढ़ में रेलवे से जुड़ी दो बड़ी घटनाएं सामने आई हैं। पहली में भिलाई रेलवे स्टेशन के पास एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने की अफवाह से यात्रियों में हड़कंप मच गया। वहीं दूसरी घटना पेंड्रारोड के पास हुई। यहां कुछ लोगों ने ट्रैक के ऊपर पत्थर रख दिए थे, जिससे ट्रेन डिरेल होते होते बची। रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक विशाखापत्तनम से चलकर मुंबई लोक मान्य तिलक टर्मिनस एलटीटी जाने वाली लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस विशाखा पट्टनम से रविवार को 16.55 बजे चली थी। वो भिलाई रेलवे स्टेशन सोमवार सुबह 5.10 बजे पहुंचती। जैसे ही ट्रेन भिलाई रेलवे स्टेशन पहंची उसके पहिए के पास से काफी तेज धुंआ निकलने लगा। धुंआ निकलता देख यात्रियों को लगा कि ट्रेन में आग लग गई। इससे उनके बीच हड़कंप मच गया। ट्रेन भिलाई रेलवे स्टेशन से जैसे ही चली यात्रियों ने हंगामा शुरू कर कंप्लेन करना शुरू कर दी। ट्रेन जैसे दुर्ग रेलवे स्टेशन पहुंची वहां रेलवे अधिकारी और कर्मचारी तुरंत वहां पहुंच गए। उन्होंने इसकी जांच की, जिसके बाद पता चला कि ट्रेन का चक्का हल्का जाम था, जिससे वो गर्म हो गया और उसमें से तेज धुंआ निकलने लगा। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक यह एक सामान्य घटना है। दुर्ग स्टेशन पर पूरी ट्रेन की जांच की गई। इसके बाद जब स्थिति सामान्य पाई गई तो उसके बाद अनाउंस करके स्थिति सामान्य की जानकारी दी गई और ट्रेन के आगे रवाना किया गया। ट्रेन की पटरी में रख दिए सीमेंट के स्लीपर दूसरी बड़ी घटना पेंड्रारोड रेलवे स्टेशन के पास घटी। यहां 29 दिंसबर की देर रात 12.30 बजे भनवारटंक खोडरी के बीच अप लाइन में हुई। यहां टनल के पास रेलवे ट्रैक के ऊपर किसी शरारती तत्वों ने नाली के ऊपर कवर करने के लिए रखे जाने वाले सीमेंट के स्लैब को उठाकर रख दिया था। इसी दौरान वहां से ट्रेन नंबर 20807 हीराकुंड एक्सप्रेस गुजरने वाली थी। जैसे ही रेलवे के अधिकारियों को इसकी सूचना मिली उन लोगों ने ट्रेन के रोका और तुरंत मौके पर पहुंचे और ट्रैक के ऊपर से स्लीपर को गहटवाया गया। ऐसा कहा जा रहा है कि किसी ने ट्रेन को डिरेल करने की साजिश की थी। पेंड्रारोड आरपीएफ इसकी जांच कर रही है। लोको पायलेट की सूझबूझ से टली बड़ी अनहोनी बताया जा रहा है कि हीराकुंड एक्सप्रेस के लोको-पायलट ने अचानक देखा कि ट्रैक के ऊपर बड़े बड़े पत्थर पड़े हैं। इसलिए उसने ट्रेन को पहले ही रोक दिया और इसकी जानकारी रेलवे के उच्च अधिकारियों को दी। यदि लोको-पायलट ने ट्रेन नहीं रोकी होती तो वो डिरेल हो जाती है और बड़ी अनहोनी हो जाती। रेलवे कर्मी की निगरानी के बाद भी ऐसा क्यों जांच जारी आरपीएफ की फोर्स वहां लग गई है। अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि जब टनल के अंदर और आसपास की निगरानी के लिए बकायदा रेलवे कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है, तो फिर ऐसा कैसे हो गया। रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखा जाना किसी साजिश का अंदेशा हो सकता है। यह क्षेत्र चारों ओर पहाड़ों और घने जंगल से घिरा हुआ है। इसलिए इसकी जांच की जा रही है। कई घंटे ट्रेन हुईं लेट इस घटना के चलते ट्रेन नंबर 20807 (हीराकुंड एक्सप्रेस) कई घंटे मौके पर खड़ी रही। इसके अलावा उसी ट्रैक से गुजरने वाली 18247 रीवा एक्सप्रेस और 12853 अमरकंटक एक्सप्रेस करीब एक से दो घंटे तक खड़ी रखी गईं।

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