ऑटो बैन का दूसरा दिन:शास्त्री चौक आटो-ई रिक्शा फ्री… कलेक्टोरेट और तहसील जाने वाले चले 600 मीटर पैदल

शास्त्री चौक को ऑटो और ई-रिक्शा फ्री करने का ट्रैफिक पुलिस का प्रयोग आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। प्रयोग के पहले दिन रविवार था, इसलिए आम लोग प्रभावित नहीं हुए। सोमवार को कोर्ट, तहसील, कलेक्टोरेट खुलते ही लोगों की दिक्कतें सामने आने लगीं। तेलीबांधा, टाटीबंध और स्टेशन की ओर से कोर्ट और कलेक्टोरेट आने वाले लोगों और यहां काम करने वाली महिलाओं को 500 से 600 मीटर तक पैदल चलना पड़ा। रोज वे ऑटो से गेट पर उतारते थे। उन्हें आधा किमी दूर उतार दिया गया। हालांकि पुलिस के प्रयोग से चौक पर ट्रैफिक का दबाव कम हो गया है। बाइक, कार, एंबुलेंस, दमकल, पुलिस और वीआईपी की गाड़ियां जाम में फंसे बिना निकलीं। 15 दिन बाद समीक्षा करेंगे
^ शास्त्री चौक पर ट्रैफिक का दबाव करने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। 15 दिनों तक इसे सख्ती से लागू करेंगे। इसके बाद सभी बिंदुओं पर समीक्षा की जाएगी कि प्रयोग का कितना फायदा है, लोगों को राहत है या नुकसान। उस आधार पर आगे इसे लागू किया जाएगा। – गुरजीत सिंह, डीएसपी ट्रैफिक भास्कर लाइ‍व- पाबंदी के बाद सबसे बड़े दो असर… ऑटो वालों ने बढ़ा दिया भाड़ा
यात्रियों ने बताया कि रेलवे स्टेशन से घड़ी चौक आने और घड़ी चौक से शंकर नगर जाने का 10 रुपए किराया था। ऑटो वालों ने सोमवार को 15 और 20 रुपए वसूल किया। ज्यादा पैसे लेने का कारण पूछने पर ऑटो वालों ने तर्क दिया कि अब घूमकर आना-जाना पड़ रहा है। अधिकांश ऑटो वाले सवारी को घुमाकर ले नहीं जा रहे है। जहां तक ट्रैफिक पुलिस ने ऑटो को बैन किया है। वहीं सवारी को उतारते रहे। सिटी बसों में बढ़ने लगी है भीड़
शास्त्री चौक में ऑटो प्रतिबंध करने से सिटी बस में भीड़ बढ़ गई है। ऑटो में सफर करने वाले भी शास्त्री चौक पर बस के इंतजार में खड़े हुए थे। उन्हीं में शामिल रोशन साहू ने बताया कि वह आमानाका से कोर्ट रोज ऑटो से आता था। आज वह सिटी बस से आया है, क्योंकि सिटी बस ने कोर्ट गेट पर उतारा। उसे पैदल नहीं चलना पड़ा है। लोगों की परेशानी, उन्हीं की जुबानी… 1. गेट तक पहुंचती थी, आज पैदल चलना पड़ा
प्रोफेसर कॉलोनी में रहने वाली बुजुर्ग पुष्पा सोनी कमिश्नर ऑफिस के सामने पैदल चलती हुईं मिली। बुजुर्ग ने बताया वह कोर्ट में काम करती है। रोज ऑटो से आना-जाना करती हैं। ऑटो वाला रोज कोर्ट की गेट पर छोड़ता था, आज शहीद स्मारक के पास छोड़ दिया। 2. ऑटो के लिए आना पड़ा आधा किमी दूर
संतोषी नगर निवासी पन्नू लाल नायक ने बताया कि काम से कलेक्टोरेट आए थे। ऑटो वाले ने औलिया चौक के पास ही उतार दिया। वहां से वे पैदल गए। घर जाने के लिए उन्हें कलेक्टोरेट के पास से ऑटो नहीं मिला। वे पैदल दरगाह के पास पहुंचे। 3. पैदल चलना पड़ा किराया भी अधिक
गुढ़ियारी से चर्च पहुंची रानी नायक मोतीबाग के सामने ऑटो के लिए भटक रही थी। उन्होंने बताया कि जब आ रही थी तब कचहरी चौक के पहले ऑटो वाले ने उतार दिया। वहां से पैदल चर्च पहुंची। वापसी के लिए ई रिक्शा वाले ने दोगुना पैसे मांगे।

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