झोझा जलप्रपात और लक्ष्मणधारा में आवाजाही पर रोक:पेंड्रा के खोडरी रेंज में बाघिन की मौजूदगी, बछड़े के बाद गाय का किया शिकार

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के खोडरी रेंज की सीमा में बाघिन ने पहले बछड़े और उसके बाद उसकी मां गाय का शिकार करके आसपास डेरा जमा लिया है। इससे सतर्कता बरतते हुए वन विभाग ने नए साल में पिकनिक स्पॉट झोझा जलप्रपात और लक्ष्मणधारा में लोगों की आवाजाही पर लगाई रोक लगा दी है, क्योंकि बाघिन इन इलाकों में भी कभी भी पहुंच सकती है। वहीं वाइल्डलाइफ टीम और वन कर्मियों की बाघिन की गतिविधि पर नजर बनी हुई है। साथ ही वन विभाग ने ग्रामीणों को बाघिन से सतर्क रहने के लिए अपील की है। बछड़े और गाय का किया शिकार बता दें कि बाघिन रविवार को पेण्ड्रा रेंज के ग्राम रामगढ़ के जंगल से खोडरी रेंज के उमरखोई (कारीआम) के जंगल पहुंच गई है। तब से बाघिन वहीं आसपास मौजूद है क्योंकि बाघिन ने वहां रविवार की शाम को पहले तो बछड़े का शिकार किया और उसके बाद बछड़े की मां गाय का भी शिकार किया है। इस वजह से बाघिन वहीं आसपास ही मौजूद रहती है। जिस स्थान पर बाघिन की मौजूदगी है वहां से गांव की आबादी थोड़ी दूर है और चारों ओर घने जंगल है और उस जंगल में चीतल, जंगली सुअर सहित अन्य जंगली जानवर भी हैं। कान्हा नेशनल पार्क से निकली थी बाघिन साथ ही आसपास पीने के लिए पानी भी है। ऐसे जगह बाघ के लिए उपयुक्त होते हैं। इसलिए ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाघिन वहां और कुछ दिन मौजूद रह सकती है। बता दें कि बाघिन एक माह पहले कान्हा नेशनल पार्क से निकली थी। उसके बाद अमरकंटक और मरवाही रेंज के जंगल से होते हुए MCB जिला पहुंच गई थी, जहां से उसका रेस्क्यू करके उसे अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया में छोड़ा गया था। लेकिन वह अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया से 14 दिन पहले खोडरी और पेण्ड्रा रेंज के रास्ते कटघोरा वन मण्डल पहुंच गई थी।

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