बिलासपुर में पाराघाट सरपंच पद से बर्खास्त:6 साल तक चुनाव लड़ने पर लगाई गई पाबंदी, मारपीट-नशीली दवा बिक्री समेत कई केस हैं दर्ज

बिलासपुर जिले के मस्तूरी जनपद पंचायत के पाराघाट सरपंच प्रदीप सोनी को पद से बर्खास्त कर दिया गया है। अनुविभागीय अधिकारी मस्तूरी ने आदेश जारी किया है। इसकी सूचना जिला निर्वाचन अधिकारी और सीईओ जपं को दी गई, ताकि ग्राम पंचायत पाराघाट में दूसरे सरपंच की नियुक्ति और यदि किसी प्रकार की वसूली बाकी हो तो की जा सके। मारपीट, नशीली दवा की बिक्री सहित कई गंभीर आरोप जारी आदेश में कहा गया है कि, प्रदीप सोनी जनप्रतिनिधि होते हुए भी समाज विरोधी तत्वों को बढ़ावा देते हुए अपने साथियों के साथ मिलकर मारपीट, जान से मारने की धमकी देने, गाली-गलौच और गुंडागर्दी में लिप्त है। उस पर अवैध नशीली सिरप की बिक्री करने जैसे गंभीर केस दर्ज हैं। 6 साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाई गई है। जानिए आदेश में क्या है अनुविभागीय अधिकारी ने अपने आदेश में लिखा कि, छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा-49 के प्रावधानों के तहत ग्राम पंचायत के परिसंपत्तियों का अनुरक्षण करने का दायित्व ग्राम सरपंच का है। जबकि सरपंच द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर जानबूझ कर शासकीय भूमि का अवैध कब्जा दिलाया जा रहा है, जो कि पंचायतराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत अपने कर्तव्यों के निर्वहन में अवचार का दोषी है। जिसके फलस्वरूप उनका उनके पद पर बने रहना लोकहित में अवांछनीय है। बता दें कि, सरपंच प्रदीप सोनी के खिलाफ राधेश्याम खांडेकर पाराघाट मस्तूरी अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में शिकायत की थी। सुनवाई के बाद एसडीओ ने अपने आदेश में लिखा कि, प्रकरण में आए तथ्यों, नायब तहसीलदार मस्तूरी से प्राप्त जांच प्रतिवेदन, शिकायतकर्तागण का शपथपूर्वक कथन और कोर्ट के आदेश 3 दिसंबर 2024 का परिशीलन किया गया।

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