लखमा हो सकते हैं गिरफ्तार:ED बोली- पूर्व मंत्री को अवैध शराब पर कमिशन के सबूत मिले, कवासी बोले- मैं सच्ची बात करूंगा, कल पूछताछ

छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला मामले में कवासी लखमा को प्रवर्तन निदेशालय गिरफ्तार कर सकता है। दरअसल अपने आधिकारिक बयान में इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) में दावा किया है कि शराब घोटाले में लखमा के शामिल होने, उन्हें अवैध शराब बिक्री पर कमीशन मिलने के महत्वपूर्ण सबूत निदेशालय को मिले हैं। कवासी लखमा जब मंत्री थे उनकी गाड़ी में हमेशा एक शख्स उनके साथ घूमा करता था, नाम है सुशील ओझा। ये कांग्रेस पार्टी में प्रदेश प्रतिनिधी के पद पर है। इसके घर पर ED ने छापा मारा था। रायपुर में रहने वाला ओझा फिल्हाल विदेश यात्रा पर है वहां पार्टीज करते हुए सोशल मीडिया पर रील्स अपलोड कर रहा है। जिन सबूतों की बात ED की टीम कर रही है इन्हीं सबूतों के आधार पर लखमा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है। इससे पहले ED इसी तरह के सूबतों का दावा करते हुए शराब कारोबारी और रायपुर के महापौर रहे एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। गुरुवार को मीडिया से इस मामले में चर्चा करते हुए लखमा ने कहा है कि मैं कल 3 जनवरी को ED के दफ्तर जाउंगा। लखमा ने क्या कहा पढ़िए पूरा बयान
मीडिया द्वारा ये पूछे ये पूछे जाने पर आपके घर पर, बेटे घर पर छापा पड़ा आप ED की पूछताछ में नहीं गए ? लखमा बोले- जब ED वाले आए थे तो मेरे से कागज मांग रहे थे, कागज सब गांव में था। समय मांगा था मैंने जो कागज मांग रहे दूंगा मैं । हर आदमी को कानून का सम्मान करना चाहिए, मैं भी सम्मान करूंगा। जब भी बुलाएंगे जाउंगा, मैं सच्ची बात करूंगा, मैं सच्चा आदमी हूं। मैं राजनीतिक मुद्दों और मीडिया के सवालों पर जवाब अभी नहीं दूंगा। नियम कानून का सम्मान करता रहूंगा।
ED ने कार्रवाई पर क्या खुलासा किया
28 दिसंबर 2024 को ED ने छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा उनके बेटे हरीश कवासी के घर छापा मारा। रायपुर के धरमपुरा स्थित कवासी लखमा के बंगले में टीम पहुंची। पूर्व मंत्री की कार को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली। कवासी के करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित घर में भी ED ने छापा मारा । सुकमा जिले में हरीश कवासी और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर भी दबिश दी गई। इसके बाद अब ED ने कहा है- छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में स्थित 7 परिसरों में तलाशी अभियान चलाया। तलाशी अभियान के परिणामस्वरूप, ईडी घोटाले की प्रासंगिक अवधि के दौरान कवासी लखमा द्वारा नकद में (पीओसी) प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी की अपराध से अर्जित आय के उपयोग से संबंधित सबूत जुटाने में सक्षम हो गया है। इसके अलावा, तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गईं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं।
कवासी को 2161 करोड़ में कमिशन मिला
निदेशालय की ओर से लखमा के खिलाफ एक्शन को लेकर कहा गया- ED की जांच में पहले पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपये है। जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी से हर महीने कमिशन मिला है । विदेश में रील बना रहा ओझा
एक तरफ कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी के खिलाफ ED ने एक्शन लिया है, दूसरी तरफ इस मामले में फंसे इनके करीब सुशील ओझा विदेश में पार्टी कर रहा है। खुद वहां से वीडियो रील बनाकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड कर रहा है। माफिया-डॉन वाले डायलॉग और रॉबदार म्यूजिक बैकग्राउंड में अपने वीडियो बना रहा है। ED ने इसके चौबे कॉलोनी स्थित घर से कई दस्तावेज जब्त करने की बात कही है। गौर करने वाली बात लखमा के सुर बदले हैं
कवासी लखमा के घर पर छापे के बाद लखमा के सुर बदल गए हैं। जब इस मामले में सबसे पहले ढेबर और त्रिपाठी को ED ने पकड़ा। भाजपा ने इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया। लोकसभा चुनाव में बस्तर से कवासी ही प्रत्याशी थे, तब ACB ने भी इस केस में उनपर FIR की तब दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में लखमा ने कहा था- ये भाजपा का प्रोपेगेंडा है,हम साफ-सुथरे लोग हैं। आदिवासी लोग ऐसा काम नहीं करते। कोई घोटाला नहीं हुआ है। हुआ है तो पकड़ के दिखाएं, पैसे कहां है दिखाए। मेरे प्रति माहौल खराब करने का प्रयास हो रहा है इसकी हमें परवाह नहीं है। छापे के बाद लखमा का ये बयान आया- मैं अनपढ़ आदमी हूं। अधिकारी एपी त्रिपाठी मास्टर माइंड है। त्रिपाठी और ओएसडी जिस कागज में सिग्नेचर करवाते थे। मैं कर देता था और अब उन्होंने ED की जांच में सहयोग करने, दफ्तर जाकर पूछताछ में शामिल होेने मांगे गए हर दस्तावेज देने की बात कही है। तो आगे क्या होगा
ED ने साफ कहा है कि उन्हें लखमा के कमीशन लेने के सबूत मिले हैं। कई डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए हैं। इसमें लखमा का फोन भी निदेशालय की जांच टीम के पास है। चर्चा है कि लखमा की भूमिका के बारे में इस केस में पहले से फंसे लोगों ने ED को बताया है। दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस से ED घपले में करोड़ों के लेन-देन को साबित करने का प्रयास कोर्ट में करेगी। लखमा, उनके बेटे और करीबी आेझा को भी अरेस्ट कर उनसे पूछताछ हो सकती है। क्या है शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था। ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR की जांच ACB कर रही है। ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।

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​छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने ED की रेड के बाद मीडिया से कहा कि, ED ने शराब घोटाले को लेकर सवाल किए हैं, लेकिन मैं अनपढ़ आदमी हूं। अधिकारी एपी त्रिपाठी मास्टर माइंड है। त्रिपाठी और ओएसडी जिस कागज में सिग्नेचर करवाते थे। मैं कर देता था।​​​​​​​पढ़ें पूरी खबर

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