कुसुम स्मेल्टर प्लांट हादसा:प्रबंधन ने हादसे के 3 घंटे बाद प्रशासन को दी सूचना, इससे रेस्क्यू में हुई देरी

मुंगेली जिले के रामबोड़ गांव के कुसुम स्मेल्टर प्लांट में हुए हादसे में साइलो टैंक के इंस्टालेशन में ही बड़ी लापरवाही सामने आई है। इसमें एक पूर्व अधिकारी के भ्रष्टाचार की बात भी सामने आ रही है। इसके कारण यह हादसा हुआ। इससे भी बड़ी गलती प्रबंधन ने यह की कि प्रशासन को घटना के तीन घंटे बाद सूचना दी, इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हुई। रेस्क्यू में देरी के कारण कई मजदूर दबे रहे, जिन्हें देर रात तक नहीं निकाला जा सका था। प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि हादसा प्रबंधन की लापरवाही से हुआ है। अंदर इंस्टाल किए गए उपकरणों और स्ट्रक्चर की समय पर जांच और मरम्मत नहीं कराई जा रही थी। कर्मचारियों ने हंगामा किया तो भीतर जाने दिया
हादसे के बाद प्लांट प्रबंधन ने पहले तो लोगों को बाहर ही रोके रखा, लेकिन जब कर्मचारियों ने हंगामा करना शुरू किया तब उन्हें भीतर जाने दिया गया। रेस्क्यू टीम भी भीतर पहुंच कर अपना काम शुरू कर सकी। केंद्रीय मंत्री ने कहा दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा
केंद्रीय आवासन एवं शहरी आवास राज्य मंत्री तोखन साहू ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतक के परिजनों को सांत्वना देते हुए समूचे मामले की जांच कराने की बात कही है। उन्होंने हादसे में घायलों को बेहतर उपचार सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश प्रशासन को दिए है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा है कि पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है। राहत के संसाधन भेजे गए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि मामले की कड़ाई से जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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