हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजना जरूरी नहीं…:आरिफ ने कहा- संघ प्रमुख का विचार देश के मूल्यों संस्कृति, आदर्श में शामिल

अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी में तीन दिवसीय कुल उत्सव मनाया गया। बुधवार को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान रहे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत की। संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान हर मस्जिदों के नीचे मंदिर मत ढूंढो को लेकर किए गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य से लेकर स्वामी विवेकानंद तक किसी ने भी ऐसा नहीं ​कहा है कि ये मेरा मौलिक विचार है। मोहन भागवत ने जो कहा है वह पूर्णतया भारतीय संस्कृति, भारतीय संस्कृति का आदर्श और मूल्यों में शामिल है। गंगा जमुनी तहजीब के बारे में उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि गंगा जमुनी तहजीब से ऐसा लगता है जैसे देश में ऐसे लोग उस बिलीव सिस्टम में यकीन करते हैं कि वे भारत में नहीं पैदा हुए। संदेश जाता है कि उनके आने के बाद विविधता के लिए ​स्वीकार्यता बननी शुरू हुई, जबकि ये बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि ऋगवेद से भारत की सभ्यता और संस्कृति की यात्रा शुरू हुई। भारत हमेशा से ही विविधता को नै​सर्गिक कानून मानता है। गंगा जमुनी तहजीब शब्द का उपयोग मैं नहीं करता। उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता में गैर विविधता की स्वीकार्यता है। उनसे पूछा गया कि क्या वजह है कि मुसलमान अब अपने को दोयम दर्जे का मानने लगे हैं? इस सवाल पर खान ने कहा कि मैं बिल्कुल ऐसा नहीं मानता। भारतीय संस्कृति कहना ही काफी है। पॉजिटिव चीजों को देखें
एक दिन पहले ही केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। इस पर उन्होंने कहा कि वहां की निगेटिव चीजों को नहीं देखना चाहिए। बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है। वहां पाटलिपुत्र है। भारत की गौरवशाली परंपरा वहां से शुरू हुई है। संस्कृति में बहुत समृद्ध है। हमें वहां की पॉजिटिव बातों को देखना चाहिए।

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