रायगढ़ में 40 श्रमिकों को फैक्ट्री से निकाला:बिना कारण निकालने से श्रमिक पहुंचे श्रम विभाग, त्रिपक्षीय वार्ता में प्रबंधन को मजदूरों का भुगतान करने का निर्देश
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में सलासर फैक्ट्री से करीब 40 श्रमिकों को निकाल दिया गया। कारण इसका कुछ भी नहीं था, पर उन्हें हटाए जाने से श्रमिक श्रम कार्यालय पहुंच गए और मामले की शिकायत की। तब रविवार को त्रिपक्षीय वार्ता में प्रबंधन को मजदूरों का भुगतान करने के आदेश जारी किए गए। मजदूरों ने बताया कि तराईमाल स्थित सलासर फैक्ट्री में अलग अलग ब्रांच में श्रमिक काम कर रहे थे, लेकिन 3 दिन पहले फैक्ट्री के करीब 40 मजदूरों को बिना कारण ही छटनी कर निकाल दिया गया। इससे मजदूरों ने कल इसकी शिकायत श्रम विभाग में की थी। रविवार को श्रम विभाग द्वारा त्रिपक्षीय वार्ता रखी गई थी। जिसमें श्रम विभाग के अधिकारी, मजदूरों व कंपनी के अधिकारियों के बीच चर्चा हुई और श्रमिकों ने अपनी बाते रखी। जहां दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद सहायक श्रमायुक्त ने कंपनी प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि एक माह का बकाया वेतन, ओवर टाइम की राशि और काटे गए बोनस समेत सभी बकाया राशि सोमवार तक कर्मचारियों को दे दिया जाए। मैन पावर कम किया जा रहा
त्रिपाक्षीय वार्ता के दौरान फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से आए अधिकारी ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि फैक्ट्री में 65 केवीए मेगा वाॅट का काम नहीं शुरू होने की वजह से प्लांट से मैनपावर कम किया जा रहा है। जिसकी कारण मजदूरों की छटनी की गई है।
त्रिपक्षीय वार्ता से सहमत हैं
मजदूर पवनेश द्विवेदी ने बताया कि कपंनी द्वारा 3 दिन पहले बिना नोटिस करीब 40 मजदूरों को निकाल दिया था। आज त्रिपक्षीय वार्ता हुई, इसमें जो भी निर्णय लिया गया। उससे सभी मजदूर संतुष्ट हैं। हममें से कोई मजदूर दोबारा वहां काम नहीं करेगा।
श्रम विभाग के माध्यम से होग भुगतान
सहायक श्रमायुक्त घनश्याम पाणिग्रही ने बताया कि आज बैठक रखी गई थी कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों आयी। तब पता चला कि कंपनी का एक सेक्शन चालू नहीं हो रहा है। इस कारण यह नौबत आयी है। ऐसे में कपंनी को निर्देशित किया गया है कि जो भी श्रमिक काम नहीं करना चाहते, उन्हें बोनस, सैलरी या जो भी बकाया राशि है उसका पूरा भुगतान श्रम विभाग कार्यालय के माध्यम से किया जाए। ताकि सुनिश्चित हो सके सभी का भुगतान हो चुका है।