रेट में खेल:बस्तर, सुकमा समेत 5 जिलों में लाइट 30 करोड़ में खरीदीं, असल कीमत 15 करोड़ रुपए

प्रदेश के सैकड़ों गांव में स्टैंड अलोन सोलर स्ट्रीट लाइट बिना टेंडर व वर्क ऑर्डर के तो लगाई ही गई, इसमें जमकर भ्रष्टाचार भी हुआ। अलग-अलग जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में ये स्ट्रीट लाइट 47,600 रुपए से लेकर 50 हजार रुपए प्रति लाइट तक में लगाई गई। जबकि बाजार में यही लाइट्स आधे कीमत की है। बस्तर, सुकमा व जांजगीर में जो स्ट्रीट लाइट लगाई गई वैसी ही सोलर लाइट सप्लाई करने वाली कंपनी 25,000 रुपए में भास्कर को देने के लिए राजी हो गई। भास्कर ने सिंगल अलोन सोलर स्ट्रीट लाइट के लिए कोटेशन मंगाए। एक फर्म के कोटेशन के मुताबिक एक लाइट की कीमत जीएसटी समेत 25,000 रुपए तय की। फर्म ने 18 वॉट के पावर वाले व 6500-के कलर टेम्परेचर वाले पैनल समेत लाइट की डिटेल भास्कर से कोटेशन के जरिए साझा की।
फर्म के मुताबिक इस स्ट्रीट लाइट की लाइफ 25 साल है। सोलर स्ट्रीट लाइट के साथ 6 मीटर का खंभा और पूरा इंस्टालेशन भी इसमें शामिल है। फर्म ने हमें 2 साल की वारंटी के साथ मेंटेनेंस की भी बात कही। जनपद सदस्यों ने पंचायत मंत्री को लिखी थी चिट्ठी, सब एक जैसी
गांवों में सोलर लाइट लगवाने के लिए बस्तर-सुकमा के अलग-अलग जनपद पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों से लेकर सदस्यों ने उनके क्षेत्र में सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाने की सिफारिश करते हुए तत्कालीन पंचायत मंत्री को चिट्ठी ​लिखी थी। भास्कर के पास ऐसी 10 से ज्यादा चिट्ठियां हैं, जिनके मजमून लगभग एक जैसे हैं। इनमें जनप्रतिनिधियों ने लिखा कि उनके क्षेत्र में सोलर लाइट लगाने से बिजली के बिल का वहन नहीं करना पड़ेगा। विद्युत लाइट लगाने से ग्राम पंचायतों में बिजली बिल अत्यधिक आता है, जिसे जमा नहीं करने पर कनेक्शन काट दिया जाता है। मद-योजना अलग तो कीमत भी अलग, पर लाइट एक बस्तर के 181 गांव और सुकमा के 9 गांवों में डीएमएफ व क्षमता विकास निधि के जरिए सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई। उनकी कीमत 47,600 रुपए थी। यही सोलर स्ट्रीट लाइट प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना की राशि से जांजगीर-चांपा के 29 गांव में 49,660 रुपए से लगाई गई। कांकेर के बोंदानारा में डीएमएफ से यही लाइट 48,000 रुपए प्रति नग में और कोंडागांव जिले के ग्राम पंचायतों में यही लाइट 50,000 रुपए तक में लगाई गई। जो इस लाइट के बाजार दर से दोगुना ज्यादा है।
लाइट लगे 2 साल भी नहीं बीते, सब खराब होने लगीं
गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट को लगे दो साल भी पूरे नहीं हुए हैं और ये लाइट अब खराब हो चुकी हैं। गांवों में 90% तक लाइट खराब हैं और इसे लगाने वाली कंपनी इनका मेंटेनेंस नहीं कर रही है। ग्राम पंचायतों के जिम्मेदारों से लेकर जनपद पंचायतों के अधिकारी भी इसकी सुध नहीं ले रहे हैं। भास्कर की खबरों पर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान सोलर लाइट लगाने में गड़बड़ी, आज सुनवाई
दैनिक भास्कर की दो खबरों पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है। विंटर वेकेशन के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की स्पेशल डिवीजन बेंच में गुरुवार को मामलों पर सुनवाई की जाएगी। इन मामलों में राज्य सरकार समेत अन्य को पक्षकार बनाया गया है। दैनिक भास्कर ने सोमवार के अंक में जिले में जल जीवन मिशन के तहत गांवों में पीने का पानी पहुंचाने को लेकर किए जा रहे कामों में गड़बड़ी को लेकर खबर प्रकाशित की थी। इसके अलावा बस्तर में सोलर लाइट लगाने में की गई गड़बड़ी को लेकर बुधवार के अंक में प्रकाशित खबर पर भी हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है। ​​​​​​​

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