गरियाबंद में जाली मार्कशीट से नौकरी पाने का खेल:67% वाली छात्रा ने 81% के फर्जी दस्तावेज बनाए, प्रधान पाठक के फर्जी हस्ताक्षर से कराया सत्यापन
गरियाबंद में आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में बड़ा घोटाला सामने आया है। कोदोभाठा के नागपारा में एक महिला ने जाली मार्कशीट के आधार पर नौकरी हासिल करने का प्रयास किया। मामले में 78 प्रतिशत अंक वाली वास्तविक अभ्यर्थी नीला यादव ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। नीला यादव ने आरोप लगाया है कि 67 प्रतिशत अंक वाली दीप्ति यादव ने जाली दस्तावेज बनाकर अपने अंक 81 प्रतिशत दर्शाए और नौकरी हासिल करने की कोशिश की। सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेजों के आधार पर यह मामला उजागर हुआ। प्रधान पाठक के हस्ताक्षर भी फर्जी जांच में पता चला कि न केवल मार्कशीट जाली थी, बल्कि दावा-आपत्ति के निराकरण के लिए झाखरपारा के प्रधान पाठक के हस्ताक्षर भी फर्जी पाए गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी परियोजना अधिकारी ने दीप्ति का ज्वाइनिंग आदेश रोक दिया है। सील का हुआ गलत इस्तेमाल – प्रधान पाठक झाखरपारा के प्रधान पाठक मन्नू राम शांडिल्य ने कहा कि स्कूल के रिकॉर्ड के मुताबिक दीप्ति यदु का परीक्षाफल 67 प्रतिशत बी ग्रेड की श्रेणी में है। मुझे दावा आपत्ति निराकरण के संबंध में कोई पत्र नहीं मिला है। ना ही मेरे द्वारा परियोजना कार्यालय को कोई पत्र जारी किया गया है। मेरी अनुपस्थिति में किसी ने मेरा सील का इस्तेमाल कर अपना दस्तखत किया होगा, जिसकी जांच होनी चाहिए। दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई थाना प्रभारी गौतम गावड़े के मुताबिक जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है। मामले में दो लोगों के खिलाफ नाम जद अपराध दर्ज कर लिया गया है। आगे जांच में तथ्यों के आधार पर अन्य दोषियों के खिलाफ भी उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी। सहायिका भर्ती में गड़बड़ी की आशंका इसके पहले पूंजीपारा में भी जाली अंक सूची का मामला सामने आया था। जानकारों ने दावा किया है कि सितंबर 2024 के बाद किए गए सहायिका भर्ती में अंक सूची में और भी गड़बड़ी हुई है। इसकी शिकायत कर नियुक्त हुए सभी के अंक सूची का परीक्षण कराने की मांग की जा रही है।