न्यू ईयर सेलिब्रेशन के पहले खाद्य विभाग का छापा:बाजार में खपाने से पहले 2500 किलो नकली पनीर बिरगांव से जब्त; दूध पाउडर, घी और तेल से बनाते थे

न्यू ईयर सेलिब्रेशन के पहले बिरगांव में सोमवार को खाद्य विभाग की टीम ने नकली पनीर फैक्ट्री में छापा मारा। इस दौरान टीम ने 2500 किलो स्टॉक जब्त कर लिया है, जिसकी कीमत 6 लाख रुपए बताई गई है। फैक्ट्री में दूध पाउडर, वनस्पति घी और नारियल तेल के मिश्रण से नकली पनीर बनाया जा रहा था। विभाग के छापे से फैक्ट्री संचालक शिवम गोयल ने पहले तो कार्रवाई रुकवाने का प्रयास किया। इसमें नाकाम होने पर वह बार-बार अफसरों से यही पूछ रहा था कि उन्हें कैसे पता चला कि यहां फैक्ट्री चल रही है। खाद्य विभाग के फूड इंस्पेक्टर नीतेश मिश्रा को फैक्ट्री के बारे में इनपुट मिला था। उन्होंने पूरी टीम के साथ दबिश दी। उस समय फैक्ट्री में करीब 12 मजदूर काम कर रहे थे। शिवम खुद वहां मौजूद था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वह नकली पनीर ओडिशा सप्लाई करता है। यहां कुछ कारोबारियों को ही स्टॉक देता था। जांच के दौरान फैक्ट्री से एक भी रजिस्टर या ऐसे दस्तावेज नहीं मिले जिससे पता चले कि वह नकली पनीर कहां कहां सप्लाई करता था।शेष|पेज 9
फूड इंस्पेक्टर ने बताया कि उसे कोर्ट के माध्यम से नोटिस भेजकर पूछा जाएगा कि उसके ग्राहक कौन हैं। दिवाली में भी पकड़ाया था नकली पनीर
दिवाली के ठीक खाद्य विभाग ने भाठागांव में बंसल पनीर फैक्ट्री में छापा मारकर करीब 2 लाख का नकली पनीर पकड़ा था। फूड विभाग ने पनीर का सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा था। करीब एक हफ्ता पहले उसकी रिपोर्ट आ गई है। खाद्य विभाग की जांच में पनीर मिलावटी निकला है। यानी पनीर खाने के लिए योग्य नहीं है। बंसल फैक्ट्री के संचालक प्रदीप के खिलाफ अब कोर्ट में मिलावटी खाद्य सामग्री बेचने का केस दायर करने की तैयारी है। फैक्ट्री मालिक ने सिर्फ इतना बताया, ओडिशा तक भेजता था पनीर; खरीदारों के नाम छिपाए 80-90 डिग्री में उबालकर बना रहे थे दूध
लैब टेक्निशियन प्रकाश परमार ने बताया कि करीब एक क्विंटल दूध पाउडर में 30 किलो वनस्पति घी और इतना ही नारियल तेल मिलाया जाता है। उसके बाद इस मिश्रण को करीब 80-90 डिग्री तापमान में उबाला जाता है। इस प्रक्रिया से ऐसा सफेद लिक्विड तैयार होता है। उसके बाद उसे सांचे में ढालकर जमाया जाता है। लिक्विड को जल्दी ठंडा करने और देर तक जमाए रखने के लिए बर्फ का उपयोग किया जाता है। नकली पनीर बनाने की ये विधि मप्र के भिंड में भी प्रचलित है। शिवम गोयल पहले भिंड में नकली पनीर बनाने की फैक्ट्री से जुड़ा था। असली-नकली की पहचान खट्‌टा होगा तो पनीर नकली जब भी कहीं पनीर लेने जाएं तो पहले वहीं उसे खाकर चेक करें। अगर वह शुद्ध है उसमें खट्टापन नहीं लगेगा। खट्टा लगा यानि वह मिलावटी पनीर है। शुद्ध पनीर में जिस तरह से छेने की मिठाई होती है, वैसा स्वाद आएगा। इसके अलावा नकली पनीर खाने में थोड़ी ऑयली लगेगा। शुद्ध पनीर उबालने के बाद बिखरेगा नहीं, लेकिन मिलावटी पनीर बिखर जाएगा। खाते समय वह टाइट, हार्ड लगेगा। हाथ में लेकर मसलने से नकली व मिलावटी पनीर चूरा बन जाएगा क्योंकि यह पाउडर मिल्क से बनाया जाता है। असली पनीर सॉफ्ट होता है।
प्रीतम कुंडु, शेफ कोर्टयार्ड मैरियट, रायपुर एक्सपर्ट व्यू – डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा, मेडिसिन विशेषज्ञ, अंबेडकर अस्पताल रायपुर किडनी, लीवर पर होता है असर, इंफेक्शन का खतरा पनीर को अगर दूध से सामान्य प्रक्रिया से न बनाकर इस तरह तैयार किया जा रहा है तो हानिकारक हैै। जब नकली पनीर बनाया जा रहा है तो बाकी चीजों की क्वालिटी भी निम्न स्तर की होगी। सफाई का ध्यान भी नहीं रखा जा रहा होगा। घटिया सामग्री से बनी खाद्य सामग्री के उपयोग से तुरंत तो उल्टी-दस्त और पेट में इंफेक्शन का खतरा रहता है, लेकिन अगर लंबे समय तक इसका उपयोग करते रहें तो किडनी और लीवर फेल होने का खतरा रहता है। ऐसी चीजों के उपयोग से बचना जरूरी है।

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