छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़:प्रदेश में पिछले 24 साल में हुए 1197 ब्लास्ट इसमें 1313 जवान हुए शहीद, पैटर्न एक ही
ग्राउंड जीरो कुटरू से प्रदीप गौतम की रिपोर्ट दंतेवाड़ा के अरनपुर में 26 अप्रैल 2023 को ऑपरेशन से लौट रहे जवानों से भरी गाड़ी को नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट से उड़ा दिया था। इसमें 10 जवान व एक सिविलयन की मौत हुई थी। ठीक इसी तरह की घटना को नक्सलियों ने कुटरू के पास अंबेली गांव में अंजाम दिया है। इस बार 8 जवान शहीद और एक सिविलियन ड्राइवर की मौत हो गई है। 24 साल के अंदर छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़ में 1313 जवान शहीद हो चुके हैं। इस दौरान 1197 धमाके नक्सलियों की ओर से किए गए। अधिकतर हमलों में नक्सलियों की रणनीति लगभग एक सी ही रही। हर बार जवानों के आने की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद ही नक्सली पहले से लगाई आईईडी से एकदम सटीक हमला करते हैं। इस बार भी यही हुआ। बता दें कि कुटरू थाना क्षेत्र के इसी इलाके (अंबेली/करकेली) से बीते 4 जून 2005 में सलवा जुडूम की शुरूआत हुई थी।कुटरू व उसकापटनम के बीच नक्सलियों ने कांक्रीट सड़क पर जवानों से भरी स्कॉर्पियो को विस्फोट कर उड़ा दिया। पहली बार नक्सलियों ने करीब ढाई सौ मीटर की दूरी से विस्फोट को अंजाम दिया। इसके लिए धान के खेतों से होकर जंगल तक नक्सलियों ने विस्फोट करने तार बिछा रखा था। जिस जगह पर विस्फोट हुआ है, वहां से कुटरू थाने की दूरी करीब 4 किमी और उसकापारा गांव की दूरी 2 किमी है। जबकि इससे पहले नक्सली 100 से 150 मीटर की दूरी से ही ब्लास्ट करते थे। जिस जगह नक्सलियों ने विस्फोट किया है, वहां घना जंगल था, जहां से सड़क तक कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। सड़क के एक ही तरफ लगाई गई थी आरओपी नक्सली तार को 2 इंच की नाली बनाकर इसके नीचे दबाते हुए जंगल तक लेकर गए थे। वहीं देखने में ये भी आ रहा है कि सड़क की दोनों तरफ रोड ओपनिंग पार्टी को तैनात किया जाता है, लेकिन यहां सड़क की एक तरफ ही आओपी तैनात की गई थी। इसी चूक का फायदा नक्सलियों ने उठाया है।
1 घंटे पहले लगाई आरओपी सुबह पहुंच गए थे नक्सली जंगल के अंदर नक्सलियों ने पेड़ के नीचे बैटरी रखने भी एक छोटा गड्ढा खोद रखा था। जवान यहां करीब दोपहर सवा दो बजे पहुंचे, जबकि इससे करीब 1 घंटे पहले ही नैमेड़ से बेदरे तक आरओपी तैनात की गई थी। पुलिस अफसरों ने अनुमान लगाया है कि नक्सली सुबह यहां पहुंच गए थे। 50 किलो विस्फोटक से धमाका, पेड़ पर अटके गाड़ी के टुकड़े
नक्सलियों ने जवानों की गाड़ी को निशाना बनाने के लिए करीब 40 से 50 किलो विस्फोटक का उपयेाग किया था। बताया जाता है कि नक्सलियों ने सड़क पर पहले से आईईडी प्लांट कर रखी थी। जिस सड़क पर नक्सलियों ने विस्फोट किया, वह सिंगल रोड है। वहीं विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि गाड़ी के कल-पुर्जे 400 मीटर दूर तक बिखर गए। गाड़ी का इंजन भी छिटककर दूर जा गिरा, वहीं जवानों के कपड़े भी पेड़ों पर लटके मिले।