छत्तीसगढ़ में नशे के सौदागर की 2.5 करोड़ की संपत्ति:अवैध कमाई को वैध करने बनाई कंस्ट्रक्शन कंपनी, MP, UP, महाराष्ट्र, हरियाणा में खरीदी जमीन, मकान और दुकान

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नशे के कारोबारियों पर पुलिस ने कमरतोड़ कार्रवाई शुरू की है। ऐसे ही एक मामले में पुलिस ने नशे के बड़े सौदागर की 2 करोड़ 5 लाख रुपए की संपत्ति जब्त की है। यह प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई है, जिसमें नशे का कारोबार करने वाले आरोपी की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की गई है। आरोपी ने अपनी अवैध कमाई को वैध करने के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनी बना ली है, जिसमें वह नशीली दवाओं के पैसे को जमा कर वैध बनाता था। पुलिस ने उसके अकाउंट के पांच साल के लेनदेन की कुंडली बनाकर यह कार्रवाई की है। अब संपत्ति को राजसात करने के लिए मुंबई स्थित सफेमा कोर्ट में केस प्रस्तुत किया जाएगा। एसपी रजनेश सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि जिले में नशे के अवैध कारोबार पर प्रतिबंध लगाने को लेकर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। आमतौर पर नशे के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करती है। लेकिन, केस दर्ज करने और गिरफ्तारी तक मामला सीमित रहा। इसके चलते अवैध कारोबार में शामिल लोग जेल से छूटते ही फिर से अपना कारोबार शुरू कर देते हैं। लेकिन, अब पुलिस ऐसे अपराधियों की संपत्ति भी जब्त करने की कार्रवाई कर रही है। ताकि अवैध कारोबारियों की कमर टूट सके। ऐसे ही एक मामले में पुलिस ने नशे का कारोबार करने वाले सुच्चा सिंह उर्फ संजीव छाबड़ा की संपत्ति की जानकारी जुटाई है। जिसमें पता चला है कि करीब 2 करोड़ 5 लाख रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। जिसमें आरोपी ने बिलासपुर के साथ ही मध्यप्रदेश के जबलपुर, महाराष्ट्र के नागपुर, फरीदाबाद और हरियाणा में जमीन खरीद कर मकान, दुकान और काम्प्लेक्स का निर्माण किया है। एंड टू एंड फाइनेशियल इन्वेस्टिगेशन
एसपी ने बताया कि इस पूरे मामले में नशीली दवाओं के अवैध कारोबार पर पुलिस की टीम एंड टू एंड कार्रवाई कर रही है, जिसमें पकड़े गए तस्करों के फाइनेशियल इन्वेस्टिगेशन भी चल रहा है। आरोपी संजीव छाबडा उर्फ सूच्चा के कई वर्षों से प्रतिबंधित नशीली दवाओं का अवैध कारोबार कर रहा है। इस दौरान उसने तस्करी कर बिलासपुर से फरार होकर महाराष्ट्र के नागपुर फिर मध्यप्रदेश के जबलपुर में अवैध कारोबार करने लगा। पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी संजीव कुमार छाबडा के अलग-अलग बैंक अकाउंट थे, जिसमें वह तस्करी के पैसों को जमा कराता था। इस अवैध कमाई को छिपाने के लिए उसने अपने भाई, भाई की पत्नी के नाम पर फर्जी आई रिटर्न बनाया था, जिसकी भी जांच की गई। जाहिर है कि वह अवैध कमाई को वैध करने के लिए यह तरीका अपनाया था। अवैध कमाई को वैध करने के लिए बनाई कंस्ट्रक्शन कंपनी
सिविल लाइन सीएसपी निमितेश सिंह ने बताया कि रकम को छिपाने के उदेश्य से आरोपी संजीव छाबड़ा ने छाबडा कन्शट्रक्शन के नाम से फर्म रजिस्टर्ड कराया है। फर्म की जांच करने पर पता चला कि इस नाम की कोई भी फर्म बिलासपुर के टिकरापारा में नहीं है। जिसका आयकर विभाग से जानकारी ली गई तो पता चला कि उसके फर्म में कोई व्यावसाय नहीं है। लेकिन, फर्म के एकाउंट पर करोड़ों रुपए का लेन-देन किया गया है। उसके अलग-अलग बैंक अकाउंट के पांच साल के आय-व्यय की भी जानकारी जुटाई गई, तब पता चला कि ज्यादातर पैसे नशीली दवाओं की सप्लाई कर जमा कराई गई है। जिससे उसने जमीन, मकान, फ्लैट और काम्प्लेक्स निर्माण कराया है। कोरियर और बस से भेजता है पार्सल
पुलिस की पूछताछ और जांच में पता चला है कि पुलिस की कार्रवाई के डर से सुच्चा सिंह ने करीब 16 साल पहले बिलासपुर छोड़ दिया, जिसके बाद वो महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में रहकर छत्तीसगढ के बिलासपुर सहित अलग-अलग जिलों में नशीली दवाओं को कोरियर और बस से पार्सल से भेजता था, जिसे यहां उसके गिरोह के सदस्य लेकर सप्लाई करते थे। जांच में पता चला है कि स्थानीय तस्कर पैसों को उसके अकांउट पर जमा कराते थे। उसके खातों में करोड़ों का लेनदेन केवल प्रतिबंधित नशीली दवाओं का है। पुलिस ने उसके यूनियन बैंक के अकाउंट में जमा 3 लाख 95 हजार रुपए, बंधन बैंक के अकाउंट में जमा 3 लाख 72 हजार रुपए को फ्रीज कराया है। यही नहीं आरोपी संजीव कुमार छाबड़ा ने अपने माता पिता व भाई व भाई की पत्नी के खातों मे रकम को डालकर और उसी रकम को अपने खातों पर वापस लेकर उक्त रकम से करोड़ों की प्रापर्टी बनाई है। जिसकी टीम के द्वारा आरोपी संजीव कुमार छाबडा की प्रापर्टी व खाते की रकम की पहचान कर जब्ती की कार्रवाई करते हुए मुंबई स्थित सफेमा कोर्ट में प्रकरण भेजा गया है। 30 आरोपियों की पहचान कर होगी गिरफ्तारी
एसपी रजनेश सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वह नशीली दवाओं का बड़ा तस्कर है। इस गिरोह के नीचे से ऊपर तक कार्रवाई की गई है, जिसमें अब तक 16 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसका सरगना सुच्चा सिंह था। उसके नेटवर्क में दूसरे प्रदेश के लोग भी शामिल है। नेटवर्क में शामिल 30 से 35 लोगों की जानकारी मिली है, जिसमें कुछ मेडिकल शॉप ऑनर भी है, जिनके खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने कहा कि इस बड़ी कार्रवाई में शामिल पुलिस अफसर व जवानों को पुरस्कृत किया जाएगा।

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