ईंट भट्ठे के तंबू में मजदूर दंपती का शव मिला:ठंड से बचने जलाई थी आग, दम घुटने से मौत की आशंका
सरगुजा जिले के ग्राम पलगढ़ी में गमला ईंट भट्ठे के पास तंबू के अंदर सोए मजदूर दंपती का शव मिला है। सुबह दंपती के बच्चे भट्ठे पर पहुंचे और दोनों को उठाने की कोशिश की, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। दोनों ने ठंड से बचने के लिए तंबू के अंदर आग जलाई थी। आशंका है कि दोनों की दम घुटने से मौत हुई है। घटना दरिमा थानाक्षेत्र की है। जानकारी के मुताबिक, लखनपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पलगड़ी में संचालित गमला ईंट भट्ठे में गांव के कलिंदर अगरिया (30) और उसकी पत्नी सुंदरी अगरिया (28) पिछले दो माह से ईंट बनाने का कार्य कर रहे थे। 28 दिसंबर शनिवार की शाम लगभग 6.30 बजे दोनों ने अपने दोनों पुत्र हीरालाल (11) वर्ष और मोतीलाल (8) को अपने घर में छोड़कर रात को वापस ईंट भट्ठे के पास तंबू में सोने चले गए थे। सुबह मिला शव, दम घुटने की आशंका
मजदूर दंपती के दोनों बच्चे हीरालाल और मोतीलाल रविवार सुबह करीब 10 बजे ईंट भट्ठा पहुंचे तो उन्हें माता-पिता काम करते नहीं दिखे। जब दोनों तंबू में गए और दोनों को सोए देख उठाने की कोशिश की। जब वे नहीं उठे तो घर जाकर पहुंच अपने परिवारवालों को इसकी जानकारी दी। परिवार के सदस्य मौके पर पहुंचे एवं जांच की, तब तक दोनों की मौत हो गई थी। घटना की सूचना पर लखनपुर और दरिमा पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शवों को पंचनामा पश्चात् पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि मृत दंपती ने ठंड से बचने के लिए तंबू के अंदर आग जलाई थी। आग जलाने के लिए कोयले का भी इस्तेमाल किया गया था। आशंका है कि तंबू को बंद कर दिए जाने के कारण तंबू के अंदर आक्सीजन की कमी के कारण कार्बन मोनो आक्साइड गैस बनने से दोनों की मौत हुई है। दरिमा थाना प्रभारी मनोज प्रजापतित ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो सकेेगा। प्रथम दृष्टया दम घुटने से दोनों की मौत हुई है। अवैध रूप से संचालित है ईंट भट्ठा
पलगढ़ी में उक्त ईंट भट्ठे का संचालन करीब दो वर्षों से सरकारी जमीन पर गांव के ही कल्याण सिंह और सेवक राम के द्वारा अवैध रूप से किया जा रहा है। भट्टे में ईंट पकाने के लिए अवैध कोयले का उपयोग किया जाता है। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।