छत्तीसगढ़ सरकार सरेंडर नक्सलियों देगी प्लॉट-मकान:हर महीने सैलेरी की तरह 10 हजार मिलेंगे, गृहमंत्री बोले- माओवादी पर जितना इनाम वो रकम भी उनकी
छत्तीसगढ़ सरकार नई एंटी नक्सल नीति के तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों की सुविधाओं को बढ़ाने जा रही है। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री और डिप्टी CM विजय शर्मा ने बताया कि नक्सलियों को सरेंडर करने पर 3 साल तक प्रति माह 10 हजार मिलेगा। आगे की जिंदगी जीने के लिए तमाम सुविधाएं दी जाएगी। फिर चाहे वह रहने के लिए जमीन-मकान हो या फिर रोजगार से जुड़े संसाधन। अलग खास भवनों में रखकर नक्सलियों को ट्रेंड किया जाएगा। उन्हें काम सिखाया जाएगा ताकि वह आगामी जीवन में रोजगार हासिल कर सकें। सरकार ने नई पॉलिसी तैयार की है। नई नीति के तहत सरकार ने यह भी तय किया है कि सरेंडर करने वाले इनामी नक्सलियों पर जो इनाम की राशि होती है, वह भी नक्सलियों को ही दी जाएगी। अब तक यह राशि इनामी नक्सलियों को पकड़ने वाली फोर्स की टीम में बांट दी जाती थी। शर्मा बोले- मुझ से किसी ने कहा नक्सली बनना अच्छा नई नीतियों को सबसे बेहतर बताते हुए विजय शर्मा रविवार को सुविधाएं गिनवाते हुए बोले- मुझसे एक सीनियर पत्रकार ने ये फायदे सुनने के बाद कहा था कि ऐसे में तो नक्सली बनना ही अच्छा है। यह कहकर गृहमंत्री मुस्कुराए। विजय शर्मा ने आगे कहा- हम अनेक आयामों में काम हो रहे हैं, एक आयाम जिसकी चर्चा होती है उसे वह ऑपरेशन है। लेकिन हम ये भी कर रहे हैं कि सरेंडर बढ़े, लोग नक्सलवाद में न जाए। अब बस्तर के पांच जिलों में ऐसे भवन तैयार हैं, जहां पर सरेंडर करने वाले नक्सलियों को रखा जाएगा। वहां उनका स्किल डेवलपमेंट किया जाएगा। वहां उनके रहने खाने के लिए 3 वर्षों की व्यवस्था होगी। गृहमंत्री ने आगे कहा- हम नक्सलियों को प्रतिमाह 10 हजार रुपए देंगे, उनके ऊपर जो इनाम है वह इनाम नक्सलियों को दिया जाएगा, जो हथियार वह लेकर के आएंगे उस हथियार के संबंधित जो राशि घोषित है वह राशि भी उनको दी जाएगी। उनको प्लॉट दिया जाएगा, उनको प्रधानमंत्री आवास दिया जाएगा । ये पॉलिसी इस उद्देश्य के साथ तैयार हुई है कि लोग मुख्यधारा में आएं। सरकार एक भी गोली नहीं चलाना चाहती । बंदूक के दम पर उन्नति न रोकें- शर्मा गृहमंत्री ने कहा- IED ब्लास्ट करके, बंदूक के दम पर गांव की उन्नति को रोक देना इसको कब तक सहा जाएगा। नक्सल घटनाओं से पीड़ित और प्रभावितों के लिए अलग योजना सरकार की बनी है, केंद्र की भी और राज्य की भी। लोग नक्सली ना बने इसके लिए भी हम काम कर रहे हैं। बस्तर के युवाओं को लगातार रायपुर लाया जाएगा, उनके एजुकेशन और स्पोर्ट्स को लेकर कार्यक्रम चलाए जाएंगे। मांझी तय करेंगे गांव में क्या बनेगा गृहमंत्री ने बताया कि पंचायती राज के माध्यम से बस्तर के विकास का काम हम करने जा रहे हैं। गांवों के मांझियों (बस्तर के अंदरूनी इलाकों के जनप्रतिनिधी) की भागीदारी सुनिश्चित की जाने की मांग उठी थी, तो अब बस्तर के जिला पंचायत के सभागृह में मांझियों की बैठक होगी। जिलेवार ये बैठकें होंगी और मांझी बताएंगे कि उनको क्या-क्या निर्माण कार्य करवाने हैं। इन सभी आयामों को मिलाकर नया सॉल्यूशन समाज को देने की कोशिश है। मार्च 2026 तक खत्म करना है नक्सलवाद हाल ही में छत्तीसगढ़ दौरे पर आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म हो जाएगा। इसके बाद से ही प्रदेश में एनकाउंटर और नक्सलियों के खिलाफ दूसरे तरीकों की कार्रवाई बढ़ी है। प्रदेश सरकार का दावा है कि एक साल में 212 से अधिक नक्सली एनकाउंटर में मारे गए हैं। इतने एनकाउंटर पिछली सरकारों के 5-5 साल के कार्यकाल में भी नहीं हुए थे। ……………………………………………….. छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… नक्सल खात्मे का काउंटडाउन…जनवरी से बस्तर में बड़ा ऑपरेशन: 2025 में अबूझमाड़ घेरेगी फोर्स, जंगल में कैंप करेंगे अफसर; 11 महीने में 250 नक्सली ढेर छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए रणनीति में बड़े स्तर पर बदलाव की जा रही है। यह बदलाव जनवरी के पहले सप्ताह में दिल्ली की बैठक में मंजूर हो सकता है। नए प्लान के अनुसार 2025 दिसंबर तक फोर्स अबूझमाड़ को पूरी तरह घेर लेगी, क्योंकि नक्सली सुकमा-बीजापुर माड़ में शिफ्ट हो रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर