CGPSC घोटाला…टामन के बेटे के बाद भतीजा गिरफ्तार:DSP-DC पद पर साहिल, शशांक और भूमिका का सिलेक्शन, CBI को 1 दिन की रिमांड मिली
CGPSC घोटाला मामले में CBI ने पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के भतीजे साहिल सोनवानी, डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित शशांक गोयल और भूमिका कटियार को गिरफ्तार किया है। CBI ने पूछताछ के बाद तीनों आरोपियों को रायपुर कोर्ट में पेश किया गया। CBI को रायपुर कोर्ट से एक दिन की ज्यूडिशियल रिमांड मिली है। यानी आज (सोमवार) 5 बजे तीनों आरोपियों को फिर पेश करेगी। बचाव पक्ष के वकील गणेश गिरी गोस्वामी ने इसकी जानकारी दी है। 2 दिन में ये पांचवी गिरफ्तारी है। इसके पहले टामन सिंह सोनवानी के बेटे नीतेश सोनवानी और तत्कालीन डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने शनिवार को 13 जनवरी तक दोनों को CBI को रिमांड पर सौंपा है। वहीं टामन सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल पहले से जेल में बंद हैं। गिरफ्तार आरोपियों के बारे में जानिए CGPSC केस में अरेस्ट आरोपी साहिल सोनवानी टामन सोनवानी के भतीजे हैं। इनका DSP के पोस्ट पर सिलेक्शन हुआ है। वहीं शशांक गोयल बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल बेटे और भूमिका कटियार बहू है। दोनों का डिप्टी कलेक्टर के पोस्ट पर हुआ है। 7वीं रैंक पर था नीतेश सोनवानी सरबदा निवासी नितेश सोनावानी तत्कालीन चेयरमैन टामन के भतीजे हैं, जिन्हें टामन अपने बेटे की तरह मानते हैं। वह टामन के साथ ही रहते थे। पीएससी 2021 में नितेश का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ था। सूची में नितेश को 7वां स्थान मिला था। हालांकि, चयन सूची में सिर्फ उसका नाम लिखा हुआ है। उसका सरनेम नहीं लिखा हुआ है। पीएससी की सूची में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी उम्मीदवार का सिर्फ नाम है। उसके नाम के आगे और पीछे कुछ नहीं लिखा हुआ है। गिरफ्तार हुए लोगों पर ये आरोप नीतेश सोनवानी और डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर पर आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी ने विवाद से बचने और पहचान छिपाने के लिए नीतेश का सरनेम नहीं आने दिया है। उसे छिपाकर रखा, जबकि नीतेश के दस्तावेजों में उसका सरनेम लिखा हुआ था। बता दें कि 2021 पीएससी के 18 उम्मीदवार की चयन पर विवाद है, जिसमें ज्यादातर अधिकारियों और नेताओं के रिश्तेदार हैं। पर्चा लीक होने का शक CBI को PSC 2021 का पर्चा लीक होने का शक है। PSC दफ्तर से जब्त दस्तावेज की जांच के दौरान अहम क्लू मिला है। उसके बाद तत्कालीन डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर को गिरफ्तार किया गया है।ललित गणवीर टामन सोनवानी का करीबी था। इससे पहले में CBI ने परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक से भी लंबी पूछताछ की है। उनके मकान की तलाशी ली है। उनसे भी समय-समय पर लगातार पूछताछ की जा रही है। जानिए CGPSC घोटाले के बारे में CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। EOW और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया है। PSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। इन्हीं भर्तियों को लेकर ज्यादा विवाद है। आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है। 171 पदों के लिए हुई थी भर्ती परीक्षा CGPSC परीक्षा 2021 में 171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। प्री-एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया। इसमें 2 हजार 565 पास हुए थे। इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को हुई मेंस परीक्षा में 509 अभ्यर्थी पास हुए। इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई। …………………………………………………….. CGPSC घोटाले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… CGPSC घोटाला…13 जनवरी तक CBI रिमांड पर नितेश-ललित: रायपुर कोर्ट में किए गए थे पेश, पूछताछ के बाद मंगलवार को एजेंसी फिर करेगी पेश CGPSC घोटाला मामले में CBI ने पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के बेटे नितेश सोनवानी और पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर को गिरफ्तार किया है। शनिवार को CBI ने नितेश और ललित को रायपुर कोर्ट में पेश किया, जहां से CBI को 13 जनवरी तक उनकी रिमांड मिली है। CBI कोर्ट के जज सौम्य राय ने रिमांड मंजूर की है। पढ़ें पूरी खबर