कलश में ब्रह्मा, विष्णु व शंकर विराजमान हैं
भास्कर न्यूज | बालोद अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में ग्राम सोंहपुर में प्रज्ञापुराण कथा व पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ शुरू हुआ। पहले दिन मंगल कलश यात्रा निकाली गई। पीला वस्त्र धारण कर महिलाओं ने भाग लिया। पूरे ग्राम में मंगल गीत संकीर्तन करते हुए तालाब में वरुण जल देवता का विशेष पूजन किया। गायत्री परिवार के राजेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि कलश को विश्व ब्रम्हांड का प्रतीक प्रतिनिधि माना गया है। कलश के अंदर सात समुद्र एवं गंगा यमुना की पवित्र निर्मल जल कहा गया है। कलश में ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर विराजमान हैं। इसमें चारों वेद का ज्ञान भरा है। सभी भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करते हैं। शांतिकुंज की क्षेत्रीय टोली की प्रज्ञापुत्री ब्रह्मवादिनी ने कहा कि गायत्री मंत्र ही मनुष्य की बुद्धि को सन्मार्ग की ओर ले जाती है। देवत्व को प्रदान करती है। इसी की साधना, उपासना से सतयुगी वातावरण का निर्माण होता है। भारतीय संस्कृति में यज्ञ पिता गायत्री माता का स्वरूप बताया गया है। प्रज्ञापुराण मनुष्य के अंदर प्रज्ञा अर्थात दिव्य सद्ज्ञान का जागरण करती है। बुद्धि की अनगढ़ता के कारण नाना प्रकार की अनाचार हो रही है, इसका समाधान मात्र गायत्री मंत्र ही है। ज्यादा से ज्यादा गायत्री मंत्र को अपने जीवन में शामिल करने की आवश्यकता है। दूसरे दिन भी प्रज्ञापुराण कथा एवं शाम को दीपयज्ञ किया। बताया गया कि 5 जनवरी को विभिन्न संस्कार के साथ समापन होगा।