बर्खास्त B.Ed शिक्षकों के आंदोलन में शामिल हुए भूपेश:बोले- डरने की बात नहीं, मैं भी साथ धरने पर बैठूंगा, सभी जेल जाएंगे

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवा रायपुर में चल रहे बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों के आंदोलन का समर्थन ने किया है। वे गुरुवार को तूता धरना स्थल पहुंचे और सहायक शिक्षकों से बात की। पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि PCC (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) से बात करके मैं भी आपके साथ धरने पर बैठूंगा। जो 30 सहायक शिक्षक जेल में हैं, उनके साथ के लिए हम सब जेल जाएंगे। भूपेश बोले कि डरने की कोई बात नहीं है। आजादी की लड़ाई में भी जेल से हुई थी। उन्होंने कहा कि NSUI और यूथ कांग्रेस के छात्र भी बर्खास्त शिक्षकों के साथ आंदोलन पर बैठेंगे। बघेल ने कहा कि नए साल के दिन भाजपा की सरकार ने युवाओं पर अत्याचार किया है। 2897 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया, सरकार इनकी बहाली बारे में कोई निर्णय नहीं ले रही है। भूपेश बघेल ने कहा कि पूरे प्रदेश में साय सरकार अकेली ऐसी सरकार है, जिसने 2897 नियमित कर्मचारियों को पदमुक्त कर दिया। आज तक देश का किसी भी राज्य सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में एक साथ अपने कर्मचारियों को बर्खास्त नहीं किया है। यह कोई ठेका या संविदा कर्मचारी नहीं है। इन शिक्षकों को सरकार ने भर्ती निकाल कर प्रक्रिया पूरी करने बाद नियुक्ति दिया था। अब अदालत के बाद गतिरोध आ रहा है, तो सरकार इस मामले का समाधान निकाल डीएड प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए अलग भर्ती निकाले और पहले से नियुक्ति पा चुके 2897 शिक्षकों की सेवा आगे सुनिश्चित रखने की व्यवस्था करें। बर्खास्त शिक्षकों ने घेरा था BJP कार्यालय नए साल के पहले दिन ही नौकरी से हटाए गए B.Ed सहायक शिक्षकों ने बुधवार को बीजेपी कार्यालय का घेराव कर दिया। बर्खास्त सहायक शिक्षकों ने बीजेपी कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी करते हुए अपनी गिरफ्तारी दी। इस प्रदर्शन के बाद 30 सहायक शिक्षकों को पुलिस ने अरेस्ट कर विभिन्न धाराओं में कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया है। B.Ed मामले में जानिए अब तक क्या हुआ पहले निकाली गई अनुनय यात्रा बीएड सहायक शिक्षकों ने 14 दिसंबर को अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा शुरू की गई थी। रायपुर पहुंचने के बाद 19 दिसंबर से यात्रा धरने में बदल गई। इस दौरान शिक्षकों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा सुनाने के लिए पत्र भी भेजे। धरना स्थल पर लगाया ब्लड डोनेशन कैंप धरना प्रदर्शन शुरू होने के बाद, शिक्षकों ने 22 दिसंबर को धरना स्थल में ही ब्लड डोनेशन कैंप लगाया। इस शिविर में शिक्षकों ने रक्तदान कर सरकार तक यह संदेश पहुंचाया कि वे समाज और देश की भलाई के लिए समर्पित हैं और शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। शिक्षकों ने कराया सामूहिक मुंडन 26 दिसंबर- आंदोलन में बैठे सहायक शिक्षकों ने अपनी मांगों की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिए सामूहिक मुंडन कराया। पुरुषों के साथ महिला टीचर्स ने भी अपने बाल कटवाए। कहा, ये केवल बालों का त्याग नहीं बल्कि उनके भविष्य की पीड़ा और न्याय की आवाज है। 28 दिसंबर- आंदोलन पर बैठे शिक्षकों ने मुंडन के बाद यज्ञ और हवन करके प्रदर्शन किया। कहा कि,यदि हमारी मांगे नहीं मानी गईं, तो आगे सांकेतिक सामूहिक जल समाधि लेने को मजबूर होंगे। 29 दिसंबर- आदिवासी महिला शिक्षिकाओं ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। 2 घंटे तक बंगले के सामने मुलाकात के लिए डटे रहे। 30 दिसंबर -पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर लेकर जल सत्याग्रह किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर अटल हैं। सरकार तक ये संदेश देना चाहते हैं कि सुशासन में हमारी नौकरी भी बचा ली जाए और समायोजन किया जाए। 1 जनवरी – सभी प्रदर्शनकारियों ने मिलकर माना स्थित बीजेपी कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर का घेराव कर दिया। यहां की प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

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