पिछड़ा वर्ग समाज के बस्तर संभाग बंद का मिला-जुला असर:जगदलपुर में चैंबर ऑफ कॉमर्स का नहीं मिला समर्थन, कोंडागांव-सुकमा में बंद रही दुकाने

छत्तीसगढ़ सर्व पिछड़ा वर्ग समाज के बस्तर संभाग बंद-चक्काजाम का मिला-जुला असर देखेन को मिला। कोण्डागांव और सुकमा में व्यापारियों ने ही खुद ही दुकानें बंद रखी। सड़कों पर गाड़ियां भी कम ही दिखी। बस्तर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा में कुछ जगहों पर ही दुकानें बंद दिखीं। बस्तर और जगदलपुर में चैंबर ऑफ कॉमर्स ने बंद को समर्थन नहीं दिया है। वहीं बीजापुर में बंद बेअसर रहा। वहीं कोंडागांव में नारायणपुर तिराहा पर सुबह 10 बजे हजारों की संख्या में पिछड़ा वर्ग समाज के लोग पहुंचे। जिले में बंद का असर दिखा। सभी दुकानें बंद रहीं। वहीं चक्काजाम के चलते वाहनों की लंबी कतार लग गई।प्रदर्शनकारियों ने आरक्षण की मांग लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नजर आए। इस दौरान प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने का दावा किया। जाम में फंसे लोगों की सुविधा के लिए बाइपास और रूट डायवर्ट किया गया। ओबीसी महासंघ के सदस्यों ने बंद को सफल बताते हुए अपनी मांगों पर जल्द कार्रवाई की अपील की है। समाज की मांग है कि 27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़ा वर्ग समाज को दिया जाए। दरअसल, छत्तीसगढ़ सर्व पिछड़ा वर्ग समाज बस्तर संभाग ने 23 दिसंबर को पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों में आरक्षण में कटौती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। समाज ने चेतावनी दी थी कि 7 दिनों के भीतर उचित कार्रवाई न होने पर 30 दिसंबर को बस्तर संभाग में महाबंद और चक्काजाम किया जाएगा।

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