छत्तीसगढ़ के स्टील प्लांट में हादसा..1 की मौत:​​​​​​​साइलो गिरने से अभी भी सुपरवाइजर, फीडर समेत 3 लापता; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

छत्तीसगढ़ में मुंगेली के कुसुम पावर प्लांट में गुरुवार को बड़ा हादसा हो गया। रामबोर्ड गांव में स्थित कुसुम इस्मेल्टर्स स्टील प्लांट में साइलो (स्टोरेज टैंक) गिरने से 6 मजदूर चपेट में आ गए। इनमें से एक की मौत हो गई। जबकि अभी 4-5 कर्मचारी नीचे दबे हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, कंपनी के सुपरवाइजर जयंत साहू, फीडर अवधेश और अखिलेश लापता हैं। SDRF और NDRF की टीम रात से लेकर सुबह तक रेस्क्यू कर साइलो को हटाने की कोशिश में जुटी है। सफलता नहीं मिलने पर देर रात भिलाई से 400 टन क्षमता वाली क्रेन मंगाई गई। पूरा मामला सरगांव थाना क्षेत्र का है। दरअसल, रायपुर-बिलासपुर रोड पर सरगांव से लगे गांव रामबोड़ स्थित कुसुम स्मेल्टर स्टील एंड पॉवर प्लांट संचालित है। इसके डायरेक्टर आदित्य अग्रवाल हैं। गुरुवार दोपहर एक बजे प्लांट में डस्ट स्टोर करने वाला साइलो टैंक अचानक नीचे गिर गया। जिससे काम कर रहे मजदूर निकल नहीं पाए और टैंक में दब गए। एक मजदूर की मौत, दूसरा घायल टैंक के नीचे दबे एक भी मजदूर को देर रात तक बाहर नहीं निकाला जा सका। हादसे में घायल एक अमेरीकापा के मजदूर मनोज घृतलहरे को बिलासपुर निजी अस्पताल भेजा गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले उसने दम तोड़ दिया। वहीं, दूसरा मजदूर लखन साहू घायल है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्लांट प्रबंधन के साथ आसपास के लोग भी बड़ी संख्या में प्लांट के भीतर और बाहर पूरी रात डटे रहे। कलेक्टर बोले- युद्धस्तर पर चल रहा रेस्क्यू आपरेशन कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि, टैंक को हटाने का काम किया जा रहा है। प्लांट प्रबंधन से बात की गई है। उन्होंने तीन मजदूरों के नीचे दबे होने की जानकारी दी है। उन्हें बाहर निकालने के लिए प्रबंधन और प्रशासन की पूरी टीम मौके पर जुटी हुई है। रेस्क्यू में देरी, लोगों ने जमकर किया हंगामा कर्मचारियों ने बताया कि, हादसा प्रबंधन की लापरवाही से हुआ है। जिसके बाद प्रबंधन ने देरी से प्रशासन को जानकारी दी। वहीं, प्रशासन के पहुंचने के बाद भी देर शाम तक रेस्क्यू में देरी होने पर जमकर हंगामा मचाया। इस दौरान पुलिस अफसर और जवान उन्हें समझाइश देने की कोशिश करते रहे। कलेक्टर और एसपी ने संभाला मोर्चा हादसे की जानकारी लगते ही मुंगेली कलेक्टर राहुल देव और पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल मौके पर पहुंच गए हैं। पूरी रात प्रशासनिक अमला रेस्क्यू आपरेशन में जुटे रहे। पुलिस के साथ ही स्वास्थ्य विभाग सहित सभी विभागों के अफसर और कर्मचारी मौजूद रहे। फायर बिग्रेड के साथ ही एम्बुलेंस फैक्ट्री के अंदर तैनात है। 4 दिन के लिए बंद किया प्रोडक्शन बताया जा रहा है कि, हादसे के बाद विरोध और हंगामा को देखते हुए प्रबंधन ने प्लांट को तत्काल बंद कर दिया है। आनन-फानन में सभी कर्मचारियों और मजदूरों की छुट्टी कर दी गई। वहीं, प्लांट में चार दिन के लिए प्रोडक्शन बंद कर दिया गया है। 350 से अधिक कर्मचारी, तीन से चार लापता प्लांट में 350 से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं। इसमें करीब 350 श्रमिक अलग-अलग शिफ्ट में काम कर रहे हैं। प्रशासन ने यहां पूरे मजदूरों की जानकारी जुटाई, जिसके बाद उनका अटेंडेन्स भी चेक किया। इसके आधार पर कंटेनर में तीन से चार मजदूर दबे होने की बात कही जा रही है। रात भर कंटेनर को काटकर उसके अंदर के राख को हटाने का काम चलता रहा। देर रात दो क्रेन की मदद से कंटेनर को हटाने की कोशिश की गई। लेकिन, ओवरलोड के चलते कंटेनर को नहीं उठाया जा सका, जिसके बाद भिलाई से क्रेन मंगाई गई। सुबह चार बजे तक कंटेनर के सपोर्टिंग एंगल को गैस कटर से काटने की कोशिश चल रही थी। प्रशासन ने स्वास्थ विभाग की टीम को अलर्ट मोड पर रहने कहा है। शराब दुकानों को भी कराया बंद इस हादसे के बाद प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है। घटना के बाद सरगांव पुलिस ने आसपास के गांव की शराब दुकानों को बंद करा दिया है। दरअसल, आशंका है कि लोग शराब पीकर प्लांट में उत्पात मचा सकते हैं, जिसके कारण पुलिस को लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। उच्चस्तरीय जांच की मांग इससे पहले भी क्षेत्रवासी प्लांट से हो रहे प्रदूषण से काफी परेशान रहे हैं। हादसे के बाद घटनास्थल के पास बड़ी संख्या में स्थानीय और परिजन जुट गए हैं। उनकी मांग है कि हादसे की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। प्रभावित परिवारों ने प्लांट प्रबंधन से मुआवजे की मांग की है। जानिए… क्या है साइलो टैंक बड़े आकार की टंकी को औद्योगिक शब्दावली में साइलो कहा जाता है। इसका इस्तेमाल एश, पानी समेत कई तरह की चीजों को भरने के लिए प्लांट में किया जाता है। कुसुम स्मेल्टर में जो साइलो गिरा है, वह पॉवर प्लांट के फर्नेस (भट्‌टी) से जुड़ा था। जहां से कोयला जलने के बाद गर्म कोयले की राख (एश) बैक फिल्टर से होते हुए साइलो टैंक तक पहुंचाया जाता था। इसे समय-समय पर खाली किया जाता है, ताकि टैंक पर लोड न हो।

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