अंबेडकर अस्पताल के 47 वेंटिलेटर सुधरे:अभी भी 87 बंद; अफसरों का दावा 15 दिन में सभी की खराबी कर ली जाएगी दूर
अंबेडकर अस्पताल में बंद पड़े 47 वेंटिलेटर की तकनीकी खराबी दूर कर उन्हें चालू कर दिया गया है। अब अस्पताल के 184 वेंटिलेटर में 97 चालू हो गए हैं। हालांकि अभी भी 87 बंद हैं। अफसरों का दावा है कि पंद्रह दिनों के भीतर बाकी बचे वेंटिलेटर भी चालू कर दिए जाएंगे। सरकारी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल डीकेएस में अभी भी करीब 20 वेंटिलेटर बंद हैं। उनकी तकनीकी खराबी दूर करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया की जा रही है। भास्कर ने अंबेडकर अस्पताल और डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में वेंटिलेटर बंद होने का खुलासा किया था। उसके बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने खुद अफसरों से बात की और तुरंत वेंटिलेटर सुधारने के निर्देश दिए। उसके बाद ही सुधारने की प्रक्रिया शुरू की गई। अंबेडकर अस्पताल और डीकेएस में वेंटिलेटर चालू होने से मरीजों के लिए वेटिंग की समस्या दूर हो जाएगी। अस्पताल के आईसीसीयू और एमआईसीयू में मरीजों की संख्या बढ़ जाने पर कई बार मरीजों को वेंटिलेटर के लिए वेट करना पड़ता था। इस दौरान उन्हें इमरजेंसी वार्ड के वेंटिलेटर पर रखा जाता था। आईसीसीयू का वेंटिलेटर खाली होने पर मरीजों को वहां शिफ्ट किया जाता था। यही स्थिति डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की है। अस्पताल में करीब 60 वेंटिलेटर हैं, लेकिन उनमें से करीब बीस खराब पड़े हैं। चूंकि डीकेएस सरकारी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बेहद गंभीर मरीज ही इलाज के लिए पहुंचते हैं, इसलिए यहां वेंटिलेटर के लिए ज्यादा वेट करना पड़ता है। डीकेएस के इमरजेंसी वार्ड में 10 वेंटिलेटर हैं। आईसीसीयू का वेंटिलेटर खाली होने तक मरीजों को वहीं रखा जाता है। अब तीनों फ्लोर कैमरे की निगरानी में लैब और जांच काउंटर पर भी लगाएंगे
अंबेडकर अस्पताल में अब तक ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर ही सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। 48 नए कैमरे लगाकर दूसरे और तीसरे फ्लोर के लगभग सभी गलियारों को निगरानी में ले लिया गया है। अस्पताल अधीक्षक के कमरे में लगी स्क्रीन पर अब अस्पताल के ज्यादातर हिस्सों में होने वाली गतिविधियों को देखा जा रहा है। अधीक्षक डा. संतोष सोनकर ने बताया कि पैथालॉजी लैब और ऐसे सभी काउंटर जहां सील लगाई जाती है वहां भी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि मरीजों के साथ साथ स्टाफ की भी निगरानी की जा सके। सभी जगह कैमरे लगाने से ये भी पता चलेगा कि स्टाफ मरीजों के साथ दुर्व्यवहार तो नहीं कर रहे हैं।