दुर्ग के 3 पाकिस्तानी अब कहलाएंगे हिंदुस्तानी:2007 में आए थे भारत, कलेक्टर ने दिया भारतीय नागरिकता प्रमाण-पत्र, अभी भी सैकड़ों लोग इंतजार में
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में रह रहे 3 पाकिस्तानियों को नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत भारत की नागरिकता मिल गई है। कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने उन्हें नागरिकता प्रमाण पत्र दे दिया है। अब वो भारतीय कहलाएंगे। कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने बताया कि, रामी बाई, बेबी हर्षिता और मयंक साल 2007 में पाकिस्तान से भारत आए थे। दुर्ग के वार्ड क्रमांक-26 सिंधी कॉलोनी में रहने लगे। उस समय उन्होंने भारत की नागरिकता के लिए अप्लाई किया था। अनुमति मिलने के बाद तीनों काफी खुश हैं। सैकड़ों लोगों को अभी भी नागरिकता मिलने का इंतजार बता दें कि, दुर्ग जिले में सैकड़ों की संख्या में पाक विस्थापित हिंदू रह रहे हैं। सभी ने भारत की नागरिकता पाने के लिए आवेदन किया है। सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) लागू होने के बाद इनके लिए यह प्रक्रिया काफी सरल हो गई है। सीएए के तहत 2014 से या इससे पहले से भारत में रह रहे पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है। पहले 12 साल का था प्रावधान, प्रक्रिया भी थी काफी कठिन सीएए लागू होने से पहले भारत की नागरिकता पाने के लिए यहां 12 साल से अधिक का निवासी होना अनिवार्य था। इतना ही नहीं नागरिकता पानी की प्रक्रिया भी काफी कठिन थी। अब सीएए लागू होने के बाद यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का जताया आभार भारत की नागरिकता पाने वाले लोगों का कहना है कि, भारत की नागरिकता मिलने से वो लोग काफी खुश हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को इसके लिए धन्यवाद देते हैं।