करते हैं तेल को दोबारा इस्तेमाल? तो गलती से भी न करें इन तेलों को दाबारा गर्म

भारत में आमतौपर सभी घरों में पूरियां, पापड़, पकोड़े तलने के बाद तेल को दोबारा इस्तेमाल करने के लिए स्टोर किया जाता है। हम सभी ऐसा यह सोचकर करते हैं कि इस तरह इतना सारा तेल बरबाद होने से बच जाएगा। हालांकि, हम में से ज़्यादातर लोग यह नहीं जानते कि तेल को दोबारा इस्तेमाल करने से हम कई बीमारियों को न्योता देते हैं।

खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला तेल, फिर चाहे वह घी हो, मक्खन, रिफाइंड तेल या फिर सरसों का तेल हो, इन सभी में फैटी एसिड होते हैं, जो संतृप्त होते हैं, जिसका मतलब है कि कोई डबल बोन्ड नहीं, मोनोअनसैचुरेटेड का अर्थ है दो कार्बन के बीच एक दोहरा बंधन, पॉलीअनसेचुरेटेड जिसका अर्थ है कार्बन के बीच कई दोहरे बंधन।

जब इन डबल बोन्ड को उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है, जैसे डीप फ्राई, तो तेल का तापमान 170 डिग्री या इससे भी ऊपर तक चला जाता है और फिर ये दोहरे बंधन टूट जाते हैं और हाइड्रोजन और ऑक्सीजन वायु से स्थान ले लेते हैं और संरचना में परिवर्तन हो जाता है। संरचना में परिवर्तन होने के कारण उच्च तापमान में फैटी एसिड्स के ऑक्साइड्स और ट्रांस फैट्स भी बनते है। ट्रांस फैट के इस्तेमाल से दिल से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं, दिल का दौरा, स्ट्रोक और यहां तक कि लक़वा भी मार सकता है।
अगर आप तेल को दोबारा इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो बेहतर है कि राइस ब्रैन का उपयोग करें क्योंकि यह एक सुरक्षित विकल्प है। आप इसका इस्तेमाल मध्यम आंच पर कर सकते हैं और फिर इसे दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं।
इन तेलों को न करें दोबारा इस्तेमाल करने की ग़लती: वनस्पति, मार्जरीन, घी, नारियल और ताड़ के तेल ऐसे तेल हैं, जो डीप फ्राई करने के लिए सबसे ख़राब हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *