मोदी सरनेम केस: राहुल गांधी को पटना कोर्ट से भी आया समन, 12 अप्रैल को पेश होने का आदेश
बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी की दायर याचिका पर राहुल गांधी को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है. राहुल गांधी इस मामले में फिलहाल जमानत पर हैं.
पटना:
मोदी सरनेम को लेकर आपत्तिजनक कमेंट के मामले में राहुल गांधी को अब बिहार से भी समन मिला है. पटना की एक अदालत ने राहुल गांधी को 12 अप्रैल को सूरत मामले के जैसी ही मानहानि के एक दूसरे मुकदमे में पेश होने के लिए समन भेजा है. सांसद, विधायक और एमएलसी अदालत (MP/MLA Court) के स्पेशल जज ने बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी की दायर याचिका पर गांधी को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है. राहुल गांधी इस मामले में फिलहाल जमानत पर हैं.
सुशील मोदी ने NDTV से बातचीत में कहा- ‘शिकायतकर्ता पक्ष के सभी गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं. सभी सबूत पेश किए गए हैं. अब राहुल गांधी के बयान के लिए मामला लंबित है. उनके बयान दर्ज करने के लिए 12 अप्रैल की तारीख तय की गई है.’ हालांकि, राहुल गांधी के वकीलों का कहना है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष 12 अप्रैल को कोर्ट में पेश नहीं हो सकेंगे. उनकी ओर से कोर्ट से बयान दर्ज करवाने के लिए समय मांगा जाएगा.
सुशील कुमार मोदी ने दर्ज कराया था मामला
यह मामला 2019 में सुशील कुमार मोदी ने दायर कराया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने ‘मोदी’ समुदाय को चोर कहकर अपमानित किया था. फिर केस में कांग्रेस नेता ने अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें जमानत मिल गई. बिहार मामले में पांच गवाह हैं, जिनमें सुशील कुमार मोदी भी शामिल हैं. वो अगस्त 2022 में अपना बयान दर्ज कराने वाले आखिरी गवाह थे. इस साल फरवरी में शिकायतकर्ता ने मामले में अपने पास मौजूद सबूत पेश किए थे. वहीं, सूरत में मामला गुजरात के बीजेपी विधायक ने दर्ज कराया था. पूर्णेश मोदी ने भी इसी तरह के आरोप लगाया था.
23 मार्च को हुआ था सजा का ऐलान
‘मोदी सरनेम’ वाले आपराधिक केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार दोपहर 12.30 बजे राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी. हालांकि, 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी. इसके एक दिन बाद दोपहर करीब 2.30 बजे रद्द कर दी गई. वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे. लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी है. लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा.
कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया था. इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था. इधर, राहुल ने फैसले के करीब 3 घंटे बाद ट्वीट कर लिखा, ‘मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं, मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं.’