गुजरात में द्रौपदी मुर्मू को सात कांग्रेस विधायकों ने दिया वोट, पार्टी को अब सता रहा नया डर
गुजरात कांग्रेस के सात विधायकों ने पार्टी लाइन से अलग जाकर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोटिंग की। पार्टी अबतक ऐसा करने वाले विधायकों के बारे में पता नहीं लगा पाई है। कांग्रेस को नया डर सता रहा है।
गुजरात कांग्रेस के सात विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोटिंग की। हालांकि कांग्रेस अबतक उन विधायकों का पता लगाने में असफल रही है जिन्होंने पार्टी लाइन से इतर जाकर एनडीए उम्मीदवार को वोट दिया। यह ऐसे समय पर हुआ है जब साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी को डर है कि ये विधायक देर-सबेर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। क्रॉस वोटिंग ने कांग्रेस की ना सिर्फ चिंता बढ़ाई है बल्कि उस दावे को भी कमजोर कर दिया है जिसमें पार्टी ने कहा था कि हम बीजेपी को कड़ी टक्कर देंगे।
बीजेपी में जा सकते हैं क्रॉस वोटिंग करने वाले
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कहा है कि क्रॉस वोट करने वाले विधायकों के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी क्योंकि पार्टी अबतक उनकी पहचान नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। साफ है कि जिन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है, वे देर-सबेर भाजपा के प्रति अपनी निष्ठा दिखाएंगे।’ ठाकोर ने एक दिन पहले कहा था कि क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निकाला जाएगा। अब उनके सुर बदल गए हैं।
ठाकोर ने कहा कि क्रॉस वोटिंग करने वाले सात विधायकों की पहचान करने की कवायद सभी विधायकों की वफादारी पर शक करने की तरह होगी। उन्होंने कहा, ‘राज्यसभा चुनाव में, विधायकों को मतपेटी में अपना वोट डालने से पहले पर्यवेक्षक को दिखाना होता है। राष्ट्रपति चुनाव के मामले में गुप्त मतदान होता है।’
यशवंत सिन्हा को सात वोट कम मिले
गुरुवार को जब वोटों की गिनती हुई, तो कांग्रेस के 63 विधायक और इकलौते निर्दलीय विधायक के समर्थन के बावजूद 57 विधायकों ने विपक्ष समर्थित उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पक्ष में मतदान किया था। वहीं, एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को 121 वोट मिले। जबकि विधानसभा में बीजेपी के पास 111 विधायक हैं। इसका मतलब यह हुआ कि मुर्मू को 10 और वोट मिले, जबकि यशवंत सिन्हा को उम्मीद से सात वोट कम मिले।