खेरसॉन हमारा है, दूसरे शहर भी लेंगे वापस; रूसी सेना के पीछे हटने के बाद गरजे राष्ट्रपति जेलेंस्की

क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि सैनिकों की वापसी के बावजूद मॉस्को खेरसॉन को रूस का हिस्सा मानता है। उन्होंने इस धारणा को खारिज किया कि पीछे हटना रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए अपमानजनक है।

यूक्रेन के खेरसॉन में रूसी बलों की वापसी के बाद यूक्रेनी बल शहर पर फिर से कब्जा करने की दिशा में सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि देश खेरसॉन शहर को वापस ले रहा है। उन्होंने शुक्रवार को कहा, ‘हमारे लोग, हमारा खेरसॉन। आज का दिन ऐतिहासिक है। हम खेरसॉन को वापस अपने देश से मिल रहे हैं। खेरसॉन के लोग इंतजार करते रहे। उन्होंने यूक्रेन कभी नहीं छोड़ा। ऐसा ही उन शहरों में भी होगा जहां की जनता अभी भी हमारा इंतजार कर रही है। हम उन्हें वापस अपने साथ मिला लेंगे।’

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताया कि विशेष सैन्य इकाइयों ने खेरसॉन शहर में प्रवेश कर लिया है। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि हमारे सैनिक शहर के पास पहुंच रहे हैं। थोड़ी देर में हम प्रवेश करने वाले हैं, लेकिन विशेष यूनिट्स पहले से ही शहर में हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि उसने यूक्रेन के दक्षिणी खेरसॉन क्षेत्र में नीपर नदी के पश्चिमी किनारे से अपने सभी सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है। यह कदम यूक्रेन में युद्ध के दौरान रूस के लिए एक और झटका माना जा रहा है।

मॉस्को ने यूक्रेन पर अपने हमलों के दौरान किया था कब्जा
रूस की सरकारी समाचार एजेंसियों ने मंत्रालय के हवाले से कहा कि शुक्रवार सुबह पांच बजे सैनिकों की वापसी पूरी की गई और अब एक भी सैन्य इकाई वहां नहीं बची है। जिन क्षेत्रों से रूस की सेना ने वापसी की है, उनमें खेरसॉन शहर भी शामिल है। यह एकमात्र क्षेत्रीय राजधानी है जिस पर मॉस्को ने यूक्रेन पर अपने हमलों के दौरान कब्जा किया था।

अभी भी खेरसॉन को मानते हैं रूस का हिस्सा: मॉस्को 
सोशल मीडिया पर उपलब्ध वीडियो और तस्वीरों में स्थानीय लोग गलियों में खुशियां मनाते और मार्च की शुरुआत के बाद से पहली बार खेरसॉन के एक स्मारक पर यूक्रेनी झंडा फहराते दिखे। वहीं, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि सैनिकों की वापसी के बावजूद मॉस्को खेरसॉन को रूस का हिस्सा मानता है। उन्होंने इस धारणा को खारिज किया कि पीछे हटना रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए अपमानजनक है।

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