उप-राष्ट्रपति ने राज्यसभा समितियों में अपने 8 निजी कर्मचारी किए नियुक्त, विपक्ष ने कही ये बात

राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि समितियों में अध्यक्ष द्वारा अपने कर्मचारियों को नियुक्त करने की कोई प्रधानता नहीं रही है. समितियों में नियुक्त लोगों में उपाध्यक्ष के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी), अध्यक्ष के ओएसडी और उपाध्यक्ष के निजी सचिव शामिल हैं.

नई दिल्ली: 

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को अपने निजी कर्मचारी के 8 सदस्यों को उच्च सदन सचिवालय के दायरे में आने वाली 20 समितियों में नियुक्त किया. राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार 20 समितियों में धनखड़ के निजी कर्मचारी के 8 सदस्यों को नियुक्त किया गया है. इनमें उपराष्ट्रपति सचिवालय में तैनात 4 कर्मचारी शामिल हैं. राज्यसभा सचिवालय के अधिकारी आमतौर पर संसदीय समितियों की सहायता करते हैं और समिति सचिवालयों का हिस्सा भी बनते हैं.

राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि समितियों में अध्यक्ष द्वारा अपने कर्मचारियों को नियुक्त करने की कोई प्रधानता नहीं रही है. समितियों में नियुक्त लोगों में उपाध्यक्ष के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी), अध्यक्ष के ओएसडी और उपाध्यक्ष के निजी सचिव शामिल हैं.

विपक्ष ने इसे एक “विचित्र कदम” करार दिया है. विपक्ष ने कहा कि इस कदम की कोई दूसरी मिसाल नहीं है. विपक्ष के नेताओं ने कहा कि राज्यसभा के सभापति अपने निजी स्टाफ से इन अधिकारियों की नियुक्ति कर विभिन्न समितियों पर पैनी नजर रखने की कोशिश कर रहे हैं.

कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से उन अधिकारियों के मौजूदा तंत्र में विश्वास नहीं दिखाता है, जो समिति के विचार-विमर्श में राज्य सभा के महासचिव को विभिन्न घटनाक्रमों से अवगत कराते हैं. वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए. टीएमसी ने कहा कि विधेयकों की जांच की दर 2014 में 67 प्रतिशत थी. यह अब घटकर 14 प्रतिशत रह गई है.

धनखड़ के पूर्ववर्ती वेंकैया नायडू के कार्यकाल के दौरान पिछले पांच वर्षों में नियम 267 के तहत भी कोई चर्चा नहीं हुई थी. टीएमसी इस मामले पर गुरुवार को बयान जारी करेगी.

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