उन्ह्नोए पत्र में लिखा, “ऋण की स्थिरता के कारण भारत के तेरहवें वित्त आयोग ने पंजाब राज्य को ऋणग्रस्त राज्य की श्रेणी में डाल दिया है और एक ऐसे वित्तीय पैकेज की सिफारिश की है जिसे कभी महसूस नहीं किया गया। अब पंजाब “ऋण संकटग्रस्त” राज्य से “कर्ज में फंसे” राज्य में परिवर्तित हो गया है। इसने पंजाब में निजी निवेश पर भी ब्रेक लगाया है। नतीजतन इसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था की वृद्धि भी धीमी हुई है।
दुनियाभर के 51 प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री को लिखा पत्र
वहीं दुनियाभर के 51 प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री को खुला पत्र लिखकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन और महिलाओं को मातृत्व का उचित लाभ दिए जाने के लिए बजट में राशि आवंटित करने की मांग की है। अर्थशास्त्रियों ने कहा कि वो इससे पहले 20 दिसंब 2017 और 21 दिसंब 2018 को भी इस संबंध में पत्र लिख चुके हैं। पत्र में कहा गया है कि वृद्धों को राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत सिर्फ़ 200 रुपये प्रतिमाह मिलता है। ये राशि साल 2006 से बढ़ाई नहीं गई है लेकिन अब इसे बढ़ाकर 500 रुपये या उससे अधिक करना चाहिए।