NIA की देशभर में छापेमारी, खालिस्तान समर्थक समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया
एनआईए ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र), महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में छापेमारी की. गिरफ्तार किए गए लोगों में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया और गोल्डी बराड़ के सहयोगी भी शामिल हैं.
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिरकण (एनआईए) ने आपराधिक गिरोहों, आतंकवादी समूहों और नशीले पदार्थों की तस्करी से जुड़े विभिन्न माफिया के बीच सांठगांठ से संबंधित मामलों में एक आतंकवादी के करीबी सहयोगी सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. एनआईए ने इस सांठगांठ का भंडाफोड़ करने के लिए मंगलवार को आठ राज्यों में 76 स्थानों पर छापे मारने के बाद ये गिरफ्तारियां कीं. गिरफ्तार किए गए लोगों में कनाडा में रह रहे ‘घोषित आतंकवादी’ अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला का निकट सहयोगी लकी खोखर उर्फ डेनिस भी शामिल है.
एनआईए ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र), महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में छापेमारी की. गिरफ्तार किए गए लोगों में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया और गोल्डी बराड़ के सहयोगी भी शामिल हैं.
एजेंसी ने बताया कि पंजाब के बठिंडा निवासी खोखर को मंगलवार को राजस्थान के श्रीगंगानगर से गिरफ्तार किया गया. इसने कहा कि खोखर अर्श डल्ला के सीधे एवं लगातार संपर्क में था और वह उसके लिए भर्ती किया करता था तथा इसके अलावा वह आतंकवाद संबंधी गतिविधियों के लिए धन जुटाता था.
एनआईए ने बताया कि उसने पंजाब में अर्श डल्ला के सहयोगियों को हथियार और गोला-बारूद भी मुहैया कराया था, जिनका इस्तेमाल कनाडा स्थित आतंकवादी के निर्देश पर जगरांव में हाल में एक हत्या को अंजाम देने के लिए किया गया था.
एनआईए ने पिछले साल 20 अगस्त को हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा, लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा और अर्श डल्ला सहित सात लोगों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए एक मामला दर्ज किया था. एनआईए इस मामले में पहले भी दीपक रंगा नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार कर चुका है.
एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि खोखर, डल्ला के लिए काम करता था. उसने बताया कि डल्ला खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन सहित कई प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के लिए भारत में अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्यीय सीमाओं के आर-पार हथियारों, गोला-बारूद, विस्फोटकों और आईईडी की तस्करी करने में शामिल रहा है.
प्रवक्ता ने बताया कि खोखर के अलावा एनआईए ने लखवीर सिंह, हरप्रीत, दलीप बिश्नोई, सुरिंदर उर्फ चीकू चौधरी और हरिओम उर्फ टीटू को भी गिरफ्तार किया. हरिओम उर्फ टीटू को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था, जबकि लखवीर सिंह को सोशल मीडिया का उपयोग करके आतंकवादी गतिविधियों के लिए युवाओं को कथित रूप से बरगलाने और उनकी भर्ती करने को लेकर पिछले साल अगस्त में दर्ज एक मामले के संबंध में गिरफ्तार किया गया था.
एनआईए ने कहा कि वे आम जनता के बीच डर पैदा करने के मकसद से अपने अपराधों को ‘‘प्रचारित” करने के लिए सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल कर रहे थे.
मामले में पूर्व में गिरफ्तार छोटू राम भाट के सहयोगी और ‘‘कुख्यात अपराधी” लखवीर सिंह के पास से नौ हथियार जब्त किए गए हैं.
एनआईए इस मामले में अब तक कौशल चौधरी, अमित डागर, सुखप्रीत सिंह, भूपी राणा, नीरज बवाना, नवीन बाली और सुनील बालियान समेत नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. प्रवक्ता ने बताया कि सुरेंद्र चौधरी और दलीप बिश्नोई गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया और कनाडा स्थित अपराधी गोल्डी बराड़ के साथी हैं. उन्हें लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की ओर से धन जुटाने, युवाओं की भर्ती करने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
प्रवक्ता ने बताया कि यह मामला भी एनआईए ने पिछले साल अगस्त में दर्ज किया था और लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, काला जठेड़ी, काला राणा, जोगिंदर सिंह, राजेश कुमार, राजू बसौदी, अनिल चिप्पी, नरेश यादव और शाहबाज अंसारी सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने बताया कि मंगलवार को गिरफ्तार किए गए सुरिंदर चौधरी के खिलाफ हत्या और जबरन वसूली के लिए स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत कई मामले दर्ज किए गए हैं. वह हरियाणा में तस्करी और शराब एवं खनन ठेकेदारों से जबरन वसूली में शामिल रहने के साथ ही आतंकवाद-गैंगस्टर सिंडिकेट के लिए धन जुटाता रहा है.
प्रवक्ता ने बताया कि दलीप बिश्नोई एक ‘‘आदतन अपराधी” है, जिसके खिलाफ 13 मामले दर्ज हैं। उसने बताया कि दलीप बिश्नोई आतंकवादी गिरोह के लिए धन का प्रबंध करने और पंजाब और राजस्थान में गिरोहों को साजो-सामान संबंधी सहायता मुहैया कराने में शामिल रहा हैं.
एनआईए की जांच में अब तक पता चला है कि भारत के कई कुख्यात गैंगस्टर पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया, फिलीपीन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भाग गए थे और विभिन्न राज्यों की जेल में बंद अपराधियों के साथ मिलकर वहां से अपनी आतंकवादी और आपराधिक गतिविधियों की योजना बना रहे हैं.
ये समूह नशीले पदार्थों एवं हथियारों की तस्करी, हवाला और जबरन वसूली के जरिए लक्षित हत्याएं कर रहे थे और अपनी नापाक गतिविधियों के लिए धन जुटा रहे थे.
प्रवक्ता ने बताया कि इस तरह के आतंकवादी नेटवर्क और उनके वित्तपोषण के साधन और उनकी मदद करने वाले बुनियादी ढाचों को नष्ट करने के लिए जांच जारी है.