COVID-19 के कारण गर्भावस्था के दौरान संक्रमित दो शिशुओं का ब्रेन डैमेज: अध्ययन

अध्ययन के अनुसार, दोनों माताएं वायरस से संक्रमित पाई गई. एक में हल्के लक्षण थे और बच्चे को पूरी अवधि तक ले गए, जबकि दूसरी मां गंभीर रूप से इतनी बीमार थी कि डॉक्टरों को 32 सप्ताह में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा.

अमेरिका के शोधकर्ताओं ने गुरुवार को बताया कि वे मानते हैं कि मां के प्लेसेंटा में कोविड-19 वायरस के प्रवेश के चलते दो शिशु ब्रेन डैमेज के साथ पैदा हुए हैं. इस तरह कोविड के कारण शिशुओं के ब्रेन डैमेज के पहले दो मामलों की पुष्टि हुई है.  पीडियाट्रिक्स जर्नल में प्रकाशित मियामी विश्वविद्यालय के अध्ययन के अनुसार, दोनों बच्चों की माताएं युवा थीं, जिन्हें 2020 में डेल्टा वेरिएंट के पीक के दौरान पॉजिटिव पाया गया था. यह वैक्सीन की उपलब्धता से पहले का मामला है. जिस दिन बच्चों का जन्म हुआ, दोनों बच्चों को दौरा पड़ा और बाद में उनके विकास में महत्वपूर्ण देरी हुई. शोधकर्ताओं ने कहा कि जहां एक बच्चे की 13 महीने की उम्र में मृत्यु हो गई, वहीं दूसरे को अस्पताल की देखरेख में रखा गया.

रॉयटर्स के अनुसार, मियामी विश्वविद्यालय में बाल रोग विशेषज्ञ और सहायक प्रोफेसर डॉ मर्लिन बेनी ने कहा कि किसी भी बच्चे को वायरस को लेकर पॉजिटिव नहीं पाया गया, लेकिन उनके रक्त में कोविड एंटीबॉडी का उच्च स्तर था. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि वायरस मां से प्लेसेंटा और फिर बच्चे में स्थानांतरित हो सकता है.

शोधकर्ताओं को दोनों माताओं के गर्भनाल में वायरस के प्रमाण मिले. डॉक्टर बेनी ने कहा कि मरने वाले बच्चे के मस्तिष्क की ऑटोप्सी में भी मस्तिष्क में वायरस के निशान दिखाई दिए, जिससे पता चलता है कि सीधे संक्रमण के कारण चोटें आई हैं.

अध्ययन के अनुसार, दोनों माताएं वायरस से संक्रमित पाई गई. एक में हल्के लक्षण थे और बच्चे को पूरी अवधि तक ले गए, जबकि दूसरी मां गंभीर रूप से इतनी बीमार थी कि डॉक्टरों को 32 सप्ताह में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा.

मियामी विश्वविद्यालय में एक प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शहनाज दुआरा ने कहा कि उनका मानना ​​है कि मामले दुर्लभ थे. हालांकि उन्होंने गर्भावस्था के दौरान संक्रमित होने वाली महिलाओं से आग्रह किया कि वे बाल रोग विशेषज्ञों को अपने बच्चों की विकास संबंधी देरी की जांच करने के लिए सूचित करें. समाचार एजेंसी के अनुसार उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि सात या आठ साल की उम्र तक चीजें काफी कोमल हो सकती हैं, जब तक कि बच्चे स्कूल नहीं जाते.‘

शोधकर्ताओं ने गर्भावस्था पर विचार कर रही महिलाओं से कोविड-19 के खिलाफ टीका लगवाने की अपील की है.

शोधकर्ताओं ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान लगने वाली चोटें कोविड के डेल्टा संस्करण के साथ ही थीं या फिर यह ओमिक्रॉन संबंधित वेरिएंट के साथ भी हो सकती हैं.

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