सुप्रीम कोर्ट में पहली बार CJI ने 9 न्यायाधीशों को दिलाई शपथ, कोर्ट में अब हुए कुल 33 जज
नई दिल्ली|चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया(CJI) एन वी रमण मंगलवार को तीन महिला न्यायाधीश सहित नौ नए न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज के रूप में पद की शपथ दिलाई. यह शीर्ष अदालत के इतिहास में पहली बार है जब नौ जज एक साथ पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह सुप्रीम कोर्ट के अतिरिक्त भवन परिसर के सभागार में हुआ. परंपरागत रूप से नए जजों को पद की शपथ प्रधान जज के अदालत कक्ष में दिलाई जाती है. मंगलवार को नौ नए न्यायाधीशों के शपथ लेने के साथ सुप्रीम कोर्ट में प्रधान जज सहित जजों की संख्या 33 हो गई. सर्वोच्च न्यायालय में CJI समेत कुल 34 जज हो सकते हैं.
जजों के रूप में पद की शपथ लेने वाले नौ नए जजों में जज जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका (जो कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे), जज जस्टिस विक्रम नाथ (जो गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे) , जज जस्टिस जितेंद्र कुमार माहेश्वरी (जो सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे), जज जस्टिस हिमा कोहली (जो तेलंगाना हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस थीं) और जज जस्टिस बी. वी. नागरत्ना (जो कर्नाटक हाईकोर्ट की जज थीं) शामिल हैं.
जज जस्टिस सीटी रविकुमार (जो केरल हाईकोर्ट के जज थे), जज जस्टिस एमएम सुंदरेश (जो मद्रास हाईकोर्ट के जज थे), जज जस्टिस बेला एम त्रिवेदी (जो गुजरात हाईकोर्ट की जज थीं) और पी.एस. नरसिम्हा (जो एक वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल थे) को भी प्रधान जज द्वारा पद की शपथ दिलाई गई.
जस्टिस नागरत्ना साल 2027 में बन सकती हैं पहली महिला CJI
जज जस्टिस नागरत्ना सितंबर 2027 में पहली महिला प्रधान जज बनने की कतार में हैं. जज जस्टिस नागरत्ना का 30 अक्टूबर 1962 को जन्म हुआ और वह पूर्व CJI ई एस वेंकटरमैया की बेटी हैं. इन नौ नए जजों में से तीन- जज जस्टिस नाथ और जज जस्टिस नागरत्ना और जज जस्टिस नरसिम्हा प्रधान जज बनने की कतार में हैं.
जज जस्टिस नाथ फरवरी 2027 में शीर्ष अदालत के जज जज जस्टिस सूर्यकांत के सेवानिवृत्त होने पर देश के प्रधान जज बनने की कतार में हैं. वर्तमान में, जज जस्टिस इंदिरा बनर्जी शीर्ष अदालत में एकमात्र सेवारत महिला जज हैं, जिन्हें सात अगस्त 2018 को मद्रास हाईकोर्ट से पदोन्नत किया गया था, जहां वह चीफ जस्टिस के रूप में कार्यरत थीं. हाईकोर्ट के जज 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं वहीं सर्वोच्च न्यायालय के जजों की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 है.