‘हिंदुस्तान की अंतिम दुकान’ आखिर यहां ऐसे नाम क्यों रख रहे दुकानदार

हाल ही में इस जगह के बारे में कुछ चौंकाने वाली चीजें सामने आईं। ऐसा बताया जा रहा है कि ‘हिंदुस्तान की अंतिम दुकान’ से मिलेजुले नाम रखते हुए वहां अब कई अन्य दुकानें भी खुल रही हैं।

कुछ समय पहले सोशल मीडिया ‘हिंदुस्तान की अंतिम दुकान’ की जबरदस्त चर्चा थी। यह सब तब हुआ था जब उत्तराखंड के चमोली में स्थित एक दुकान की तस्वीरें वायरल हुई थीं, इसके बाद तो लोग यहां जाकर चाय पीने की इच्छा जताने लगे थे। इतना ही नहीं इस दुकान के नाम और इसके मालिक के बारे में भी लोग जानना चाहते थे। लेकिन अब इस जगह के बारे में एक ट्विस्ट आ गया है और कई अन्य दुकानदार भी अपनी दुकानों का नाम ऐसे ही रख रहे हैं।

दरअसल, बिजनेस टायकून आनंद महिंदा ने जब इस दुकान की फोटो कुछ दिन पहले शेयर करते हुए लिखा कि इस जगह पर एक कप चाय पीना बेशकीमती होगा, तो फिर इसके बाद यह दुकान चर्चा में आ गई। लेकिन अभी हाल ही में इस जगह के बारे में कुछ चौंकाने वाली चीजें सामने आईं। ऐसा बताया जा रहा है कि ‘हिंदुस्तान की अंतिम दुकान’ से मिलेजुले नाम रखते हुए वहां अब कई अन्य दुकानें भी खुल रही हैं।

असल में यह दुकान उत्तराखंड के चमोली जिले में है। चीन के साथ लगती सीमा पर स्थित माणा गांव में भारत की अंतिम चाय की दुकान है। इसे चंदेर सिंह बड़वाल चलाते हैं। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक बड़वाल ने यह चाय की दुकान करीब पच्चीस साल पहले शुरू की थी। सैलानियों के बीच यह दुकान काफी लोकप्रिय है। ट्रेकिंग करने आने वाले सैलानी इस दुकान की चाय पसंद करते हैं।

बताया जाता है कि माणा गांव का पुराना नाम मणिभद्रपुरम है। स्थानीय लोग इसे महाभारत की कहानी से जोड़ते हैं। इतना ही नहीं गांव के पास मुख्य सड़क पर लगे बोर्ड पर भी लिखा गया है कि माणा इस सीमा पर सबसे आखिरी भारतीय गांव है। लेकिन हाल ही में यहां पहुंचे अंशुमान मिश्रा ने बताया कि वे हिंदुस्तान की अंतिम दुकान पर पहुंचे तो उन्होंने बड़वाल से बात भी की। इसी बीच वे इस बात से हैरान थे कि उस जगह अब कई अन्य दुकानें भी खुल गईं जिन्होंने अंतिम दुकान का बोर्ड लगा रखा था।

स्थानीय लोग भी बताते हैं कि बड़वाल की ही दुकान वास्तव में वह दुकान है जिसने सबसे पहले यह बोर्ड लगाया था और वही दुकान पिछले दिनों वायरल भी हुई थी। लेकिन अब अन्य दुकानदार ऐसे नाम लोगों को आकर्षित करने के लिए रख रहे हैं। हालांकि अंतिम चाय की दुकान के अलावा भी वहां अंतिम गांव, सबसे ऊंचाई वाला रेस्टोरेंट, अंतिम ढाबा आदि जगहें मौजूद हैं। देशभर से आए सैलानी यहां तस्वीरें और सेल्फी लेते हैं।

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